Jon Fosse की किताब का वाणी प्रकाशन ग्रुप ने किया हिंदी अनुवाद, जानें किताब का नाम
भारत में Jon Fosse की किताब का पहली बार 2016 में हिंदी अनुवाद हुआ। जिसे वाणी प्रकाशन ग्रुप द्वारा प्रकाशित किया गया है। पुस्तक की हिन्दी अनुवादक तेजी ग्रोवर हैं। जो स्कैन्डिनेवियन साहित्य की वरिष्ठ जानकार हैं। उन्होंने कई यूरोपियन लेखकों का हिन्दी में अनुवाद किया है और ‘वाणी फाउण्डेशन गणमान्य अनुवाद पुरस्कार’ से सम्मानित हैं।
तेजी ग्रोवर द्वारा अन्तरराष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त यून के उपन्यास ‘Det er Ales’ का हिन्दी में अनुवाद ‘आग के पास आलिस है यह’ कभी न विस्मृत होने वाले प्रेम की टोह लेता और प्रेम तथा अभाव पर मनन कर उसे एक ऊँचा दर्जा प्रदान करती ऐसी दुर्लभ कृति है जो पाठकों के बीच काफ़ी लोकप्रिय रही है।
वाणी प्रकाशन ग्रुप ने जताई खुशी, ‘आग के पास आलिस है यह’ किताब अनुवादक को दी बधाई
इस मौके पर वाणी प्रकाशन ग्रुप के चेयरमैन अरुण माहेश्वरी ने कहा—‘‘हमें बेहद प्रसन्तता है कि फ़ुस्से को इस वर्ष ‘नोबेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है। हम सभी की ओर से फ़ुस्से को बधाई। वाणी प्रकाशन ग्रुप सदा अन्तरराष्ट्रीय अनुवादों को प्रकाशित करता रहा है। इसमें अनुवादकों का बड़ा योगदान है।
हम उन्हें सांस्कृतिक राजदूत मानते हैं। वाणी फाउण्डेशन और टीमवर्क आर्ट द्वारा स्थापित ‘वाणी फाउण्डेशन गणमान्य अनुवाद पुरस्कार’ से सम्मानित प्रतिष्ठित कवयित्री और कलाकार तेजी ग्रोवर को भी बधाई क्योंकि उन्होंने सात वर्ष पहले ही फ़ुस्से का परिचय हिन्दी पाठकों से कराया। इस साहित्यिक आदान-प्रदान के लिए भारत में नॉर्वेजी दूतावास भी बधाई के पात्र है।’’