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बदायूं

नाबालिग रेप केस: आईजी डीके ठाकुर और एसएसपी के अलग-अलग बयान, अपनी ही थ्‌योरी में उलझी पुलिस

मृतका की मेडिकल रिपोर्ट के बाद आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान सामने आये हैं।

बदायूंAug 24, 2018 / 08:09 pm

अमित शर्मा

Crime

नाबालिग रेप केस: आईजी डीके ठाकुर और एसएसपी के अलग-अलग बयान, अपनी ही थ्‌योरी में उलझी पुलिस

बदायूं। नाबालिग किशोरी द्वारा आत्महत्या करने के बाद मृतका के गांव और घटना स्थल का आईजी डीके ठाकुर ने दौरा किया। आईजी ने गांव के लोगों से बात करने के बाद मृतका की मां और भाई से भी बात की। आईजी ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच की जा रही है। वहीं मृतका का पोस्टमार्टम पैनल से कराया जाएगा जिसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी। मृतका की मेडिकल रिपोर्ट के बाद आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान सामने आये हैं।
आईजी ने परिजनों से की बात

आईजी डीके ठाकुर ने मृतका के परिजनों से बात की। पीड़िता के भाई ने आईजी को बताया कि आरोपी लंकुश के भाई ने कल दबाव बनाया और केस से हटने की बात कही। आईजी द्वारा बात करने पर मृतका की मां ने बताया कि मैं और बेटी दोनों साथ-साथ सोये थे, उसने किसी से कोई बात नहीं की। रात में सोते समय उसने कुंडे से लटक कर आत्महत्या कर ली। जब मैंने उसे चारपाई पर देखा तो नहीं थी, सुबह का समय था तब मैंने बेटे को पूरी बात बताई। बेटे ने भी घटना की जानकारी आईजी को दी है।
आईजी और एसएसपी के अलग-अलग बयान

वहीं इस मामले में कल एसएसपी ने कहा था कि पीड़िता के कोई चोट के निशान नहीं हैं और न ही रेप हुआ है जबकि आज हमने गैंगरेप पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट पर सवाल किया तब आईजी ने चोटों के निशान की बात कबूली है और रेप की एफआईआर भी दर्ज होने की बात कही। आईजी ने बताया कि हम पूरे प्रकरण में एफआईआर के आधार पर ही जांच कर रहे हैं। हम रेप से इंकार नहीं कर रहे हैं जबकि एसएसपी मेडिकल रिपोर्ट में रेप न होने की बात कह रहे थे।
एसएसपी के बयान पर उठ रहे सवाल

आरोप यह भी है कि एसएसपी ने बयान दिया था कि पीड़िता और आरोपी की मोबाइल फोन पर कई बार बात हुई है, इस बयान से क्षुब्ध होकर ही नाबालिग ने आत्महत्या की है। परिजनों ने भी आरोपी और मृतका के किसी भी तरह के संबंध होने से साफ इनकार किया है। साथ ही थानाध्यक्ष की भी लापरवाही सामने आ रही है। पहले एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी, आला अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद ही एफआईआर दर्ज हुई थी।

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