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बुलंदशहर

14,455 अति कुपोषित बच्चों ने जीती कुपोषण से जंग, पढ़ें ये रिपोर्ट

कुपोषण के खिलाफ छिड़ी जंग में अफसरों के प्रयास से 14,455 अति कुपोषित बच्चे लाल श्रेणी से बाहर हो गए।

बुलंदशहरSep 08, 2017 / 03:46 pm

Rajkumar

Malnutrition

बुलंदशहर। कुपोषण के खिलाफ छिड़ी जंग में अफसरों के प्रयास से 14,455 अति कुपोषित बच्चे लाल श्रेणी से बाहर हो गए। शेष बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयास कर रहा है। अफसरों की मानें तो आगामी वर्ष तक जिले को कुपोषण से मुक्त कर दिया जाएगा। वहीं जिला चिकित्सालय में बने पुनर्वास केंद्र में अभी और अतिकुपोषित बच्चों का इलाज चल रहा है।

कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन पुष्टाहार दिया जा रहा

जिले के नौनिहालों को कुपोषण से बचाने के शासन द्वारा पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को प्रतिदिन पुष्टाहार दिया जा रहा है। गत वर्ष कुपोषित बच्चों की संख्या पता लगाने के लिए वजन दिवस में 29,954 बच्चे अति कुपोषित (लाल श्रेणी) में मिले थे। जिसके बाद प्रशासन बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए जुट गया था। सरकारी चिकित्सालय में बने पुनर्वास केंद्र में बच्चों को भर्ती कराकर उनके खान-पान पर विशेष ध्यान रखा गया था। लेकिन अब अफसरों की मेहनत रंग लाई और 14,677 अतिकुपोषित बच्चों को लाल श्रेणी से पिछले माह बाहर कर दिया गया है।

जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया

जिला कार्यक्रम अधिकारी शुभांगी कुलकर्णी ने बताया कि ये बच्चे अब पीली श्रेणी में आ गए हैं। कुपोषण की पीली श्रेणी में केवल 33,514 बच्चे रह गए। इसके अलावा हरी श्रेणी में सामान्य बच्चों की संख्या तीन लाख 87 हजार 382 है। जो बच्चे अतिकुपोषित हैं ऐसे बच्चों को प्रत्येक माह पुर्नवास केंद्र में भर्ती कराया जा रहा है। जबकि शेष बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुष्टाहार व पंजीरी समय पर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि शेष बच्चों को भी जल्द कुपोषण से मुक्त हो जाएंगे। विभाग द्वारा केंद्रों पर कुपोषित व अतिकुपोषित बच्चों को अच्छा पुष्टाहार दिया जा रहा है। साथ ही कहा कि जिले को कुपोषण से मुक्त करने के लिए भरपूर प्रयास किए जा रहा हैं।

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