गौरतलब है कि जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा आला कमान से बेहद नजदीक होने का दावा करते हैं। इसके बावजूद जनपद के पदाधिकारियों ने चेयरमैन के लिए सीट रिज़र्व करना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में अब ये सवाल उठ रहे हैं कि चेयरमैन पर भाजपा आला कमान की मेहरबान के दावे कितने सच है। यहां ये बताना और भी जरूरी है कि चेयरमैन अपनी कुर्सी बचाने के लिए भाजपा आला कमान की दुहाई देते हुए नज़र आते हैं। से में सवाल यह है जब भाजपा के तमाम विधायक और संगठन के लोग मंच पर थे तो चेयरमैन को मंच पर क्यों नहीं चढ़ने दिया गया।