दरअसल घटना बीते रविवार की थी,जब 34 वर्षीय गौरव शर्मा यूपी 16 एसी 0290 नंबर की अपनी मारुति रिट्ज कार से नोएडा से गाजियाबाद के इंदिरापुरम में अपने रिश्तेदार के यहां जा रहे थे। उनके साथ कार में अगली सीट पर उनके पिता मूलचंद शर्मा और पीछे की सीट पर उनकी मां भी बैठी थीं। जैसे ही वह सेक्टर 62 से एनएच-24 पर पहुंचे तभी वहा खड़े ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने चिल्लाना शुरू कर दिया। गाड़ी रोको-गाड़ी रोको”।
परिजनों ने आरोप लगाया था कि “गाड़ी सड़क के बीच में थी एकदम नहीं रुक सकती थी। आगे-पीछे वाहन थे। इसके बाद ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने चलती गाड़ी पर डंडे बजाने शुरु कर दिए थे, पुलिसकर्मी से पूछा कि आपको क्या चाहिए, तो तब पुलिस कर्मी ने बदसलूकी करते हुए गाड़ी के कागजात मांगे थे।
किसी तरह से गौरव ने गाड़ी साइड में खड़ी की और पुलिस वाले के रवैए से बेहद परेशान होकर पेपर दिखाने के लिए गाड़ी से कदम बाहर रखा और पुलिस कर्मियों से नोंकझोंक के दौरान वहीं गौरव शर्मा ने अचानक दम तोड़ दिया था। गौरव शर्मा के परिजनों रिश्तेदारों के का आरोप है कि वो आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराना चाहते हैं,लेकिन पुलिस अभी तक ये तक नहीं बता पाए है कि आखिर वहां डयूटी पर कौन था।
दरअसल नए यातायात नियम के तहत गाजियाबाद में पुलिस चेकिंग कर रही थी। तभी एक सॉफ्टवेयर कम्पनी में नोएडा में कार्यरत गौरव शर्मा की हार्ट अटैक से मौत के हो गयी थी। मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार वह डायबिटीज का मरीज भी नहीं था। जबकि पुलिस के द्वारा ये कहकर पल्ला झाड़ लिया गया था कि गौरव शुगर का मरीज था।