जनपद के खुर्जा कस्बे में सैकड़ों साल पुरानी मुगलकालीन पॉटरी उद्योग की हालत खस्ता हो गई है। मजदूर अपने-अपने प्रदेश रवाना हो गए। पॉटरी मालिक कच्चे माल को तरस गए। लॉकडाउन की वजह से पॉटरी उद्योग पूरी तरह बंद है। तैयार माल फैक्ट्रियों में बंद पड़ा है। फैक्ट्रियों के हालात बिल्कुल सुनसान है। हालांकि, लॉकडाउन 3.0 में मजदूर को बुलाकर साफ सफाई कर फैक्ट्री मालिक शुरुआत की तैयारी में है। व्यापारियों का कहना है कि बैंक लोन, मजदूरों का वेतन, ट्रांसपोर्ट का भाड़ा समेत अन्य समस्याएं है।
फैक्ट्री मालिक सुरेश का कहना है कि इस लॉकडाउन उनके बड़े भाई पैरालाइज की स्थिति में पहुंच गए। तनाव इतना बढ़ गया कि हालात झेल नहीं पा रहे है। पॉटरी संचालक राजीव बंसल, पुनीत, महेंद्र सैनी सुन्दर सैनी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान उद्योग बंद हो गए। उनका कहना है कि करोड़ों का नुकसान हो चुका है। अभी उम्मीद नहीं।