आगजनी की घटनाओं में होने वाले विनाश को देखने के बाद भी सरकार व प्रशासन का अग्निशमन बेड़े पर कतई ध्यान नहीं है।
बूंदी•Jun 16, 2019 / 01:27 pm•
पंकज जोशी
आपातकालीन सेवा को कर रहे अनदेखा,दमकल व फायरमैनों की कमी से बिगड़ रही व्यवस्था
बूंदी. आगजनी की घटनाओं में होने वाले विनाश को देखने के बाद भी सरकार व प्रशासन का अग्निशमन बेड़े पर कतई ध्यान नहीं है। बूंदी जिले की ही बात करें तो जिला मुख्यालय से लेकर नगर पालिका क्षेत्र में स्थित अग्निमशन विभाग कई समस्याओं से जूझ रहा है। वर्तमान हालातों को देखते हुए अग्निशमन बेड़े को मजबूत करने की सख्त जरूरत है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारी व जनप्रतिनिधि इस पर ध्यान नहीं दे रहे है।
जिला मुख्यालय के हाल खराब
बूंदी जिला मुख्यालय पर स्थित अग्निशमन विभाग भी मजबूत नहीं है। यहां जुगाड़ से ही काम चलाया जा रहा है। फायरमैन व अन्य कर्मचारियों की कमी के चलते यहां उपलब्ध पूरी दमकलें नहीं चल पा रही है। वर्तमान में कुल पांच चालक हैं, जिसमें से दो स्थाई चालक व तीन ठेकाकर्मी हैं। इसके अलावा 29 फायरमैन हैं, जिसमें से 16 कार्यरत हैं। बाकी अन्य शाखाओं में लगे हुए हैं। परिषद में कुल पांच दमकलें हैं और सभी चालू हालत में हैं। एक शिफ्ट में 15 फायरमैन व पांच चालक हों। तीन शिफ्ट के हिसाब से 45 फायरमैन व 15 चालक होने चाहिए। तब जाकर पांचों गाडिय़ों को चौबीस घंटे चलाया जा सकता है, लेकिन स्टॉफ की कमी के चलते पांचों गाडिय़ां एक साथ नहीं चल पाती।
यहांं पर छोटी दमकलों के भरोसे
केशवरायपाटन में छोटी दमकल है, जबकि क्षेत्र काफी लंबा चौड़ा है। आगजनी की घटना होने पर आस-पास से मदद का इंतजार करना पड़ता है। वहीं फायर सिस्टम को नगर पालिका के कर्मचारी चला रहे हैं। उधर नैनवां में भी छोटी दमकल है। यहां पर लंबे समय से बड़ी दमकल की जरूरत है। नैनवां इलाके में 191 गांव लगते हैं। बड़ी आग लगने पर उस पर काबू पाने में कर्मचारियों के पसीने छूट जाते हैं। जरूरत पडऩे पर उनियारा व लाखेरी से दमकल के आने का इंतजार करना पड़ता है।
कई बार नहीं पहुंच पाती मौके पर
लाखेरी में दमकल दस साल से ज्यादा पुरानी है, जो अब हांफने लगी है। रास्ते में आए दिन दमकल बंद हो जाती है। लाखेरी में नई बड़ी दमकल व एक छोटी दमकल की सख्त जरूरत है। इसके अलावा यहां पर फायरमैन से अन्य काम करवाया जाता है। फायर को दूसरे कर्मचारी संभाल रहे हैं। कापरेन नगर पालिका में फायर स्टेशन स्वीकृत नहीं है। इसलिए बजट व स्टॉफ भी नहीं है। दो चालक व नगर पालिका के चार कर्मचारी इसे संभाल रहे हैं। देईखेड़ा में दमकल नहीं है, केशवरायपाटन में छोटी दमकल है। इंद्रगढ़ में भी ठेके के चार कर्मचारी दमकल को संभाल रहे हैं।
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आगजनी की घटनाएं
अप्रेल 2017 से मार्च 2018 तक – 407
अप्रेल 2018 से मार्च 19 तक -450
अप्रेल 19 से अब तक -166
नोट- उक्त आगजनी की घटनाएं बूंदी शहर व ग्रामीण इलाकों की है।
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अग्निशमन विभाग में गाडिय़ां पर्याप्त है। स्टॉफ की कमी के लिए सुधार किया जा रहा है। इस संबंध में उच्च अधिकारी को अवगत कराया है।
विकास गुर्जर, प्रभारी अग्निशमन विभाग नगर परिषद बूंदी.