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बूंदी

अंतिम संस्कार में लकड़ी की चार गुना बढ़ी खपत

कोरोना संक्रमण का असर अब मुक्तिधाम में भी दिखने लगा। वजह संक्रमित शव का दाह संस्कार करने के लिए अब अतिरिक्त लकड़ी की जरूरत पडऩे लग गई। सामान्य दिनों में जहां मुक्तिधाम में खपत कम थी, वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने इसकी खपत चार गुना बढ़ा दी।

बूंदीMay 05, 2021 / 09:32 pm

पंकज जोशी

अंतिम संस्कार में लकड़ी की चार गुना बढ़ी खपत

अंतिम संस्कार में लकड़ी की चार गुना बढ़ी खपत

अंतिम संस्कार में लकड़ी की चार गुना बढ़ी खपत
कोरोना की घातक दूसरी लहर में अब 4800 क्विंटल लकड़ी की हो चुकी खपत, गत वर्ष 1200 क्विंटल की पड़ी थी जरूरत
गुंजन बाकलीवाल
patrika.com
बूंदी. कोरोना संक्रमण का असर अब मुक्तिधाम में भी दिखने लगा। वजह संक्रमित शव का दाह संस्कार करने के लिए अब अतिरिक्त लकड़ी की जरूरत पडऩे लग गई। सामान्य दिनों में जहां मुक्तिधाम में खपत कम थी, वहीं कोरोना की दूसरी लहर ने इसकी खपत चार गुना बढ़ा दी।
बूंदी के रोटरी मुक्तिधाम में गत वर्ष अप्रेल माह में जहां 1200 क्विंटल लकड़ी की खपत हुई थी, वहीं इस बार 4800 क्विंटल की खपत हो चुकी। मुक्तिधाम समिति ने इसके लिए ठेका दे दिया। मीरागेट रोड स्थित रोटरी मुक्तिधाम जहां आम दिनों में शाम 6 बजे बंद हो जाता था वहीं अब रात 9 बजे तक अंतिम संस्कार हो रहे। इस मुक्तिधाम में रोज करीब 8 से 10 शवों की अंत्योष्टि हो रही। इनमें संक्रमित व्यक्ति के शव का दाह संस्कार करने के लिए करीब 5 से 6 क्विंटल की जरूरत पड़ रही बताई। जबकि अन्य शव के लिए आमतौर पर 4 से 5 क्विंटल लकड़ी की ही जरूरत पड़ती थी।
…ताकि संक्रमण का खतरा नहीं रहे
जानकारों ने बताया कि संक्रमित मरीज के शव का दाह संस्कार करने के लिए परिजनों को 5 से 6 क्विंटल लकड़ी उपलब्ध करवा रहे हंै। इसकी वजह कोरोना संक्रमित शव का दाह संस्कार अच्छी तरह से हो और संक्रमण पूरी तरह से नष्ट हो जाए, दूसरा एक बार ऐसी चिता शुरू होने के बाद उसके पास कोई नहीं जाता।
आमतौर पर सुबह 9 से शाम 6 बजे तक मुक्तिधाम खुलता था, लेकिन जब से कोरोना की दूसरी लहर घातक हुई तभी से रात 9 बजे तक भी दाह संस्कार हो रहे। सभी को लकडिय़ां उपलब्ध हो रही। संक्रमितों का नगर परिषद की ओर से कोरोना प्रोटोकॉल के तहत पीपीई किट के जरिए अंतिम संस्कार किया जा रहा है।
के.सी. वर्मा, अध्यक्ष, रोटरी मुक्तिधाम समिति, बूंदी
मुक्तिधाम में शवों को जलाने की संख्या बढ़ गई। सामाजिक संस्थाएं इस क्षेत्र में काम कर रही है। लोगों को इस महामारी में बचाना होगा। बाहर सडक़ों में घूमने वालों को पुलिस का इंतजार नहीं करना चाहिए। सब स्वयं को आइसोलेट कर लें।
महेश जिंदल, जिला उपाध्यक्ष, विहिप, बूंदी

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