हैरतअंगेज करतब दिखाते चलते अखाड़ेबाज, ‘या अली या हुसैन…’, ‘हक हुसैन मोला हुसैन…’, की मातमी धुन बजाते युवा। अवसर था हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मंगलवार को शहर में मुस्लिम समाज की ओर से निकाले गए ताजिए (मोहर्रम) का।
बूंदी•Sep 10, 2019 / 09:49 pm•
पंकज जोशी
मोहर्रम पर जिलेभर में निकले ताजिए
बूंदी. हैरतअंगेज करतब दिखाते चलते अखाड़ेबाज, ‘या अली या हुसैन…’, ‘हक हुसैन मोला हुसैन…’, की मातमी धुन बजाते युवा। अवसर था हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में मंगलवार को शहर में मुस्लिम समाज की ओर से निकाले गए ताजिए (मोहर्रम) का। यहां जुलूस में शामिल लोग मातम करते चल रहे थे। सुरक्षा को लेकर पुलिस के पुख्ता इंतजाम रहे।
शहर के तिलक चौक से आधा दर्जन ताजिए व एक दर्जन मेहंदी (छोटे ताजिए) जुलूस के रूप में रवाना हुए। जिसमें इमाम चौक, फर्राशों का तकिया, महावती पाड़ा, निहारगर, लुहार कटला व सब्जीमंडी के ताजिए शामिल थे। जुलूस के आगे अखाड़ेबाज हैरतअंगेज करतब दिखा रहे थे। मुख्य जुलूस सदर बाजार, ठठेरा बाजार, मीरागेट होता हुआ देर रात करबला जैतसागर पहुंचा, जहां पर ताजिए ठंडे किए गए। शहर के छोटा बाजार से भी मोहर्रम निकाले गए, जो मोची बाजार, चौमुखा, ब्रह्मपुरी, बड़ामदरसा होते हुए करबला जैतसागर पहुंचे, जहां ताजियों को ठंडा किया गया। जुलूस के दौरान युवाओं की अलग-अलग टोलियां मातमी धुनें बजाते हुए चल रही थी। इस मौके पर समाज के लोगों ने ताजियों को सेहरा बांधा और मन्नतें मांगी।