कोरोना काल के चलते लगे लॉकडाउन ने हलवाई का काम करने वालों को बेबस कर दिया।
बूंदी•May 26, 2020 / 08:47 am•
पंकज जोशी
हलवाइयों को नहीं मिली राहत, अब बना रहे नमकीन
हलवाइयों को नहीं मिली राहत, अब बना रहे नमकीन भण्डेड़़ा. कोरोना काल के चलते लगे लॉकडाउन ने हलवाई का काम करने वालों को बेबस कर दिया। दो माह के लॉकडाउन के निकले समय में देश में शादियों के शुभ मुहर्त में हलवाइयों ने आशाएं लगा रखी थी, लेकिन लॉकडाउन ने कामधंधा चौपट कर दिया।
बांसी निवासी टीकम जैन ने बताया कि पूर्वजों के समय से ही परिवार शादी-समारोह, मुंडन संस्कार, जागरण व यज्ञ आदि सामाजिक कार्यक्रम के भोजन बनाने के लिए क्षेत्र में व दूरदराज तक हलवाई का कार्य करते आ रहे है। परिवार इसी कार्य पर निर्भर है। हमारे साथ 5 परिवार के 5 सदस्य भी काम करते थे। लॉकडाउन के बाद काम धंधा ठप हुआ तो नमकीन पपड़ी बनाने का काम शुरू कर लिया है। इससे साथ में लगे परिवार को भी आय होने लगी है।
भूखे पशु-पक्षियों का भर रहे पेट
करवर. लॉकडाउन के चलते धार्मिक स्थलों पर निवास करने वाले पशु-पक्षियों का दाना पानी भी लॉक हो गया है। प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बीजासन माताजी मन्दिर के समीप एक बगीची में बन्दरों को रोटी खिलाता एक बुजुर्ग, जो रोजाना इनको दाना पानी उपलब्ध कराता है।