अपने चहेतों को ड्यूटी लगाने में अब रोडवेज के अधिकारी व कर्मचारी की मनमर्जी नहीं चलेगी। जी हां! मुख्यालय से ही इनकी नियुक्ति होगी। उसी के बाद यह बसों का संचालन कर सकेंगे।
बूंदी•Aug 08, 2020 / 06:04 pm•
पंकज जोशी
रोटेशन से लगेगी ड्यूटी, मनमर्जी पर लगेगा ब्रेक
रोटेशन से लगेगी ड्यूटी, मनमर्जी पर लगेगा ब्रेक
चेहतों का नहीं रख पाएंगे अधिकारी व कर्मचारी ख्याल
प्रदेश में रोडवेज ने बदले नियम
मुख्यालय से होगी मॉनिटरिंग
बूंदी. अपने चहेतों को ड्यूटी लगाने में अब रोडवेज के अधिकारी व कर्मचारी की मनमर्जी नहीं चलेगी। जी हां! मुख्यालय से ही इनकी नियुक्ति होगी। उसी के बाद यह बसों का संचालन कर सकेंगे। मुख्यालय ने प्रदेश के सभी आगार में बरसों से लगे हुए टाइम कीपर की ड्यूटी रोटेशन से लगाने का निर्णय किया। इसके लिए प्रत्येक आगार में एक मुख्य ट्रेनर बनाया जाएगा। इस संबंध में रोडवेज अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवीन जैन ने आदेश जारी किए।
उक्त आदेश के अनुसार मुख्य समयपालक व समयपालक पद पर कार्यरत कर्मचारियों की ओर से उनको आंवटित कार्य तथा दायित्वों का निर्वाहन उचित प्रकार से नहीं किया जा रहा। ऐसे में समय-समय पर इनके विरुद्ध कई प्रकार की शिकायतें हो रही।
समय पालक व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए मुख्यालय की ओर से समय-समय पर विभिन्न प्रकार के आदेश भी जारी किए गए, जिसमें तीन माह में बदलने की व्यवस्था भी की गई थी। ऐसे में अब नियमों के तहत बदलाव कर दिया। ऐसे में मुख्य प्रबंधक स्तर के एक अनुभवी प्रबंधक और सहायक को समय-समय पर प्रशिक्षण देना होगा। साथ ही मुख्यालय स्तर पर कार्यकारी निदेशक यांत्रिकी और उप महाप्रबंधक को नोडल अधिकारी बनाया गया। इसके लिए आगार के रोस्टर आधार पर चयनित टाइम कीपर का मुख्यालय को ट्रेनिंग लेनी होगी। गौरतलब है कि रोटेशन से ड्यूटी लगाने से अधिकारी व कर्मचारी मनमर्जी नहीं कर पाएंगे। बूंदी आगार से दो जनों ने इसकी ट्रेनिग ली है, अब वे प्रशिक्षण देंगे।
अधिकारी करेंगे निगरानी
आदेश के अनुसार मुख्यालय स्तर पर प्रत्येक माह की 25 तारीख तक आगामी माह के लिए मुख्य समय पालक परिचालक वर्ग के पदस्थापन आदेश कार्यकारी प्रबंधक जारी करेंगे। अगले माह के लिए मुख्य समयपालक चालक वर्ग के पदस्थापन सहायक प्रशासनिक अधिकारी यांत्रिकी जारी करेंगे। कार्यकारी प्रबंधक पदस्थापित मुख्य समय पालकों को अगले माह की एक तारीख से प्रशिक्षण देंगे।
विवादों पर लगेगी रोक, नहीं कर सकेंगे फेरबदल
नए नियमों के तहत अब पूरा कंट्रोल मुख्यालय के हाथ में रहेगा। ऐसे में अधिकारी अपने चालक-परिचालकों की ड्यूटी में मनमाने तरीके से रोजाना फेरबदल नहीं कर सकेंगे। एक बार ड्यूटी लगाए जाने के बाद उसमें आसानी से बदलाव नहीं किया जा सकेगा। इससे आए दिन के होने वाले विवाद थम जाएंगे। ड्यूटी पर नियुक्त चालक-परिचालक को अति आवश्यक होने पर ही अवकाश देकर दूसरे को उसकी जगह भेजा जाएगा। इसकी प्रमाणिक जानकारी भी ऑनलाइन देनी होगी। इसके अलावा कौनसी बस में कौन चालक-परिचालक ड्यूटी कर रहा है। इस संबंध में मुख्यालय पर बैठे अधिकारी जानकारी ले सकेंगे।
घाटे को पूरा करने की कवायद
प्रत्येक आगार से गत माह की आय के आधार पर परिचालक व गत माह के डीजल औसत के आधार पर ड्यूटी रोस्टर 25 तारीख तक उपमहाप्रबंधक सांख्यिकी को देंगे। खास बात यह कि रोस्टर के अलावा चालक व परिचालक की ड्यूटी लगाए जाने पर कारणों की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर
की जाएगी।
इनके नाम भेज सकेंगे मुख्यालय
आदेश के अनुसार मुख्यालय की ओर से मुख्य समयपालक (परिचालक) के पदस्थापपन के लिए मुख्य प्रबंधकों की ओर से तीन मेडीकली अनफिट परिचालक एवं तीन महिला कार्मिक (विधवा, परित्यक्ता एवं एक वर्ष से कम आयु के बच्चेवाली महिला कार्मिक) व मुख्य समयपालक चालक के पदस्थापन के लिए 6 अनफिट चालकों के नाम भेजे जा सकते हंै, जो डेस्क वर्क का कार्य कर सकते हैं। इन पदों पर ऐसे कार्मिकों का पदस्थापन किया जाए, जिन्होंने गत एक वर्ष में कभी इस पद पर कार्य नहीं किया हो।
रोडवेज मुख्यालय की ओर से आदेश मिले हंै। अब टाइमकीपर की रोटेशन प्रणाली से मुख्यालय से ड्यूटी लगेगी। इसकी मॉनिटरिंग भी प्रदेश स्तर से होगी।’
महेंद्र कुमार मीणा, प्रबंधक संचालक, बूंदी आगार