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जीवनदायिनी को है ‘नवजीवन’ की दरकार

locationबूंदीPublished: Nov 24, 2020 06:53:15 pm

चंबल नदी को सरकारी संरक्षण की महती आवश्यकता है। सदियों से कल कल बहने वाली यह जीवनदायिनी दूषित होती जा रही है। चंबल बचाओ अभियान को सरकारी मदद मिले तो धार्मिक नगरी पर्यटन का स्वरूप ले सकती है।

जीवनदायिनी को है ‘नवजीवन’ की दरकार

जीवनदायिनी को है ‘नवजीवन’ की दरकार

जीवनदायिनी को है ‘नवजीवन’ की दरकार
दूषित होता पानी, कटते किनारे से बिगड़ा स्वरूप
केशवरायपाटन. चंबल नदी को सरकारी संरक्षण की महती आवश्यकता है। सदियों से कल कल बहने वाली यह जीवनदायिनी दूषित होती जा रही है। चंबल बचाओ अभियान को सरकारी मदद मिले तो धार्मिक नगरी पर्यटन का स्वरूप ले सकती है।
भगवान कल्याण राय के मंदिर से राज राजेश्वर महादेव मंदिर तक चंबल के किनारे की मिट्टी का कटाव होने लग गया है और यह कटाव दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। कटाव बढऩे से आबादी क्षेत्र भी अब इसकी जद में आता जा रहा है। कल्याण राय महाराज के मंदिर के पास के खाल से चंबल का पानी उफान के समय आबादी में पहुंच जाता है। जिससे हाहाकार मच जाता है। चंबल नदी से आबादी को बचाव के लिए भगवान कल्याण राय के मंदिर से राज राजेश्वर महादेव मंदिर तक सुरक्षा दीवार बनाकर इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। लगातार हो रहे मिट्टी के कटाव से इसका स्वरूप बिगड़ चुका है।
गंदे नाले बने मुसीबत
चंबल नदी को शुद्ध रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से चंबल शुद्धिकरण योजना शुरू की गई थी, लेकिन उस योजना का लाभ धार्मिक नगरी को नहीं मिल पाया। यहां पर कोटा महानगर से गिरने वाले गंदे नालों का पानी इक_ा होने से पानी दूषित हो गया है। कस्बे के प्रमुख नालों का पानी भी चंबल में ही मिलता है। नालियों का पानी चंबल के शुद्ध पानी में मिलने से इसका पानी अब जहरीला हो चुका है। साल में 8 महीने चंबल का पानी खराब रहता है। मुक्तिधाम के पास स्थित नाले के पानी चंबल मिलने के बाद वह पानी केशव घाट के पास इक_ा हो जाता है।
एक जमाना था जब चंबल का पानी कांच की तरह साफ दिखाई देता था पानी में सिक्का डालने पर भी वह नजर आ जाया करता था। कस्बे में जलापूर्ति चंबल से ही हुआ करती थी। यहां का शुद्ध पानी एक मिसाल था, लेकिन तीन दशकों से चंबल का पानी जहरीला हो चुका है। चंबल शुद्धिकरण योजना को लागू कर पानी को शुद्ध करने की जरूरत है।
मुरारीलाल कहालिया, पूर्व अध्यक्ष, नगर पालिकाकेशवरायपाटन
चंबल नदी के पानी को शुद्ध करने के लिए राज्य सरकार को समय-समय पर नगर पालिका की ओर से प्रस्ताव बनवाकर भिजवाए जाते रहे हैं। यह बड़ी परियोजना होने से इस परियोजना पर धन अधिक लगेगा। इसकी योजना जनप्रतिनिधि मिलकर बनाए तो चंबल को शुद्ध किया जा सकता है।
मनोज मालव, अधिशासी अधिकारी, नगरपालिका केशवरायपाटन

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