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बूंदी

चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित होगा बूंदी का रामगढ़

कोविड महामारी के बीच बूंदी के लिए खुशखबरी आई, जो यहां रोजगार के नए रास्ते खोलेगी।

बूंदीJul 01, 2020 / 09:38 pm

पंकज जोशी

चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित होगा बूंदी का रामगढ़

चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित होगा बूंदी का रामगढ़

चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित होगा बूंदी का रामगढ़
राज्य सरकार के स्तर पर शुरू हुए प्रयास
800 वर्ग किलोमीटर में होगा फैलाव
बूंदी. कोविड महामारी के बीच बूंदी के लिए खुशखबरी आई, जो यहां रोजगार के नए रास्ते खोलेगी। प्रदेश में चौथे टाइगर रिजर्व के रूप में प्रस्तावित बूंदी के रामगढ़ विषधारी अभयारण्य पर मुहर लगने की उम्मीद बंध गई। इस टाइगर रिजर्व का फैलाव 800 वर्ग किलोमीटर में होगा। जिसमें 38 वनखंड शामिल किए गए। यहां बाघों को बसाने की लंबे समय से योजना थी। इसके लिए प्रे-बेस भी तैयार हो गया। राज्य सरकार के टाइगर शिफ्ट करने की घोषणा के बीच सोमवार की शाम इस क्षेत्र के लिए खुशियों भरी रही। रामगढ़ में सवाई माधोपुर रणथंभौर अभयारण्य क्षेत्र से चलकर एक नर बाघ खुद ही पहुंच गया। बाघ के यहां पगमार्क मिलने के बाद अब टाइगर रिजर्व घोषित करना आसान हो गया।
जानकार सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रस्तावित वाइल्ड लाइफ बोर्ड की पहली ही बैठक में इसे मंजूरी मिल सकेगी। फिलहाल सरकार ने अभयारण्य में एक बाघिन शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी। 10 नए कर्मचारी मिलेंगे। सरकार प्रारंभिक तौर पर 5 से 7 करोड़ रुपए का बजट जारी करेंगी। राज्यमंत्री अशोक चांदना के अनुसार इसकी सारी तैयारी पूरी हो गई। रामगढ़ बाघों का जच्चा घर रहा और बीते 30 साल से बाघ विहीन था। हालांकि बीच-बीच में रणथंभौर के बाघ यहां आते रहे।
रिजर्व में ये शामिल
इसमें 38 वन खंडों को आरक्षित वन क्षेत्र किया गया। इसमें सवाई माधोपुर रणथंभौर अभयारण्य क्षेत्र का बफर, रामगढ़ अभयारण्य, देवझर से भीमलत महादेव वन खंड, कालदां का जंगल, भीलवाड़ा जिले बांका व भोपतपुरा वन खंड शामिल किया। इसका फैलाव करीब 800 वर्ग किलोमीटर में होगा। इसे मार्च 2021 से पहले टाइगर रिजर्व क्षेत्र घोषित करना प्रस्तावित कर दिया।
1991 में थे 14 बाघ
अभयारण्य और इसके आस-पास के जंगलों में वर्ष 1991 तक 14 बाघ मौजूद रहे। आखिरी बार वर्ष 1999 में बाघ के मौजूद होने की पुष्टि हुई। इसके बाद वनविभाग की अनदेखी के चलते बाघ लुप्त हो गए। हालांकि सवाईमाधोपुर के रणथंभौर से लगातार बाघों की आवाजाही रही।
बूंदी जिले में पर्यटन के नए रास्ते खुलेंगे
बाघ के स्वयं चलकर आने की खुशी ने हमारी उम्मीदों को पूरा कर दिया। रामगढ़ को टाइगर रिजर्व घोषित करने का काम जल्द होगा। एक माह में बाघिन लाने की प्रक्रिया को पूरा कर लेंगे। इसकी प्रारंभिक तैयारियां पूरी हो गई। मुख्यमंत्री स्वयं चाहते हैं बूंदी का रामगढ़ फिर से आबाद हों। रामगढ़ बूंदी में पर्यटन का नया रास्ता खोलेगा।
अशोक चांदना, राज्यमंत्री व हिण्डोली विधायक

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