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बूंदी

खुफिया एजेंसी की तर्ज पर ड्रोन से लेस हुई बूंदी पुलिस

खुफिया एजेंसी की तर्ज पर अब पुलिस भी संसाधनों से लैस होगी। जी हां! अब पुलिस आपराधिक घटनाओं, दंगों व आंदोलन के पीछे छीपे लोगों को तीसरी आंख के जरिए नजर रख सकेंगी।

बूंदीJun 18, 2020 / 07:33 pm

पंकज जोशी

खुफिया एजेंसी की तर्ज पर ड्रोन से लेस हुई बूंदी पुलिस

खुफिया एजेंसी की तर्ज पर ड्रोन से लेस हुई बूंदी पुलिस

खुफिया एजेंसी की तर्ज पर ड्रोन से लेस हुई बूंदी पुलिस
आंदोलन, भीड़, अपराधियों पर अब तीसरी आंख से रखेंगे नजर
प्रत्येक जिले को मिला एक-एक ड्रोन कैमरा
बूंदी. खुफिया एजेंसी की तर्ज पर अब पुलिस भी संसाधनों से लैस होगी। जी हां! अब पुलिस आपराधिक घटनाओं, दंगों व आंदोलन के पीछे छीपे लोगों को तीसरी आंख के जरिए नजर रख सकेंगी। बूंदी पुलिस सहित राजस्थान के सभी पुलिस अधीक्षकों को मुख्यालय ने एक-एक ड्रोन कैमरे दे दिए। कैमरा फुल एचडी होने के साथ ही इसकी कीमत करीब साढ़े 6 लाख रुपए बताई। यह दो सौ मीटर ऊंचाई से नजर रखेगा।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लॉकडाउन में एडवाइजरी की पालना के लिए गलियों व संकरे इलाके में निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद निजी फोटोग्राफरों के ड्रोन किराए पर लिए थे, यह प्रयोग सफल रहा। इसके बाद मुख्यालय ने सभी जिलों को पुलिस विभाग के ही ड्रोन मुहैया कराने की योजना बनाई थी। प्र्रत्येक जिले से दो-दो पुलिसकर्मियों को ड्रोन उड़ाने, रख-रखाव व निगरानी का अजमेर में प्रशिक्षण दिया गया। बूंदी में कांस्टेबल सुभाष दूधवाल व विजय सिहाग को प्रशिक्षित किया गया। इसके बाद प्रत्येक जिले को एक-एक ड्रोन भेजा गया।
नहीं हो सकेगा डाटा चोरी
ड्रोन कैमरे से बनाई गई वीडियो के डाटा चोरी होने का डर नहीं रहेगा। इसमें एक खास सॉफ्टवेयर होगा। जिससे कोई डाटा चोरी नहीं हो सकेगा। इसकी सारी वीडियो लेपटॉप में आकर सेव होगी।
इन जगहों पर रहेगा कारगर
ड्रोन कैमरे के जरिए आंदोलन, दंगे, जुलूस आदि स्थान, संकरी गलियां, पहाड़ी या फिर बहु मंजिली इमारतों के ऊपर बैठे लोगों की पहचान की जा सकेगी। इन स्थानों पर अब पुलिस जाप्ता भेजने की आवश्यकता नहीं होगी। लोगों को ड्रोन से पहचान सकेंगे। उन्हें खदेड़ा जा सकेगा। ड्रोन की खासियत
कैमरा दो सौ मीटर ऊंचाई से वाहन को पहचान सकेगा कि कौनसे रंग का और कैसा वाहन है। एक बार ड्रोन उड़ाने में वो आसमा में करीब चारों दिशाओं में 8 किलोमीटर उड़ सकेगा। या यों कहें तो एक बार उड़ाने में वो 40 मिनट तक उड़ेगा। जबकि रेंज मुख्यालय को मिले ड्रोन 500 मीटर ऊपर
जा सकेंगे।
‘आंदोलन, दंगों व जुलूस के दौरान ड्रोन पुलिस के लिए मदद्गार साबित होगा। यह 200 मीटर ऊंचाई पर उड़ सकेगा, साथ ही एक बार उडऩे में यह 8 किलोमीटर का चक्कर लगा सकेगा। बूंदी पुलिस को मिले ड्रोन का ट्रायल शुरू कर दिया।’
सतनाम सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, बूंदी

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