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रणथम्भौर से निकलकर पहुंचे बाघ-बाघिन, 29 साल बाद गुलजार हुआ बूंदी का जंगल

सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर बाघ परियोजना में बाघों के अनुपात में जगह कम पडऩे से नए आशियाने की तलाश में बाघ-बाघिन बूंदी के जंगल की ओर रुख कर रहे हैं।

बूंदीDec 07, 2019 / 12:48 pm

पंकज जोशी

रणथम्भौर से निकलकर पहुंचे बाघ-बाघिन, 29 साल बाद गुलजार हुआ बूंदी का जंगल

रणथम्भौर से निकलकर पहुंचे बाघ-बाघिन, 29 साल बाद गुलजार हुआ बूंदी का जंगल

– इंद्रगढ़ व रामगढ़ के पास बना हुआ है बाघों का मूवमेंट
– वन विभाग की टीम कर रही निगरानी
बूंदी. सवाईमाधोपुर. रणथम्भौर बाघ परियोजना में बाघों के अनुपात में जगह कम पडऩे से नए आशियाने की तलाश में बाघ-बाघिन बूंदी के जंगल की ओर रुख कर रहे हैं। वर्तमान में तीन बाघ व एक बाघिन इंद्रगढ़, लाखेरी क्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। 29 साल बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि रणथम्भौर से निकलकर चार बाघ-बाघिन बूंदी के जंगल में ठिकाना ढूंढ रहे हैं। वन विभाग व वन्यजीव प्रेमी भी इसी आस में हैं कि यह बाघ स्वत:ही रामगढ़ विषधारी अभयारण्य पहुंच जाए। इसके चलते विभाग ने इन बाघों की निगरानी बढ़ा दी।
इन बाघ-बाघिनों ने छोड़ा रणथम्भौर
वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में रणथम्भौर का बाघ टी-110, टी-62, टी-115 व बाघिन टी-59 का मूवमेंट रणथम्भौर से बाहर है। इनमेंं से टी-115 तो रणथम्भौर से निकलकर बूंदी के रामगढ़ के बिल्कुल नजदीक पहुंच गया है। उसका विचरण डपटा में बताया जा रहा है। वहीं टी-110, टी-62 व बाघिन टी-59 का मूवमेंट फिलहाल इंद्रगढ़ व उसके आसपास के जंगलोंं में बना हुआ है।
करौली के बाघ पहुंचे फलौदी रेंज में
पिछले कई सालों से रणथम्भौर के बाघ-बाघिन यहां से निकलकर करौली के जंगलों में पहुंच रहे थे। उस समय वहां करीब 7 बाघ-बाघिन करौली के जंगलों में विचरण कर रहे थे। कुछ समय से करौली में रह रहे बाघों का मूवमेंंट फिर से रणथम्भौर के फलौदी रेंज की ओर होने से इस क्षेत्र में पहले से रह रहे बाघ बूंदी के जंगलों की ओर आ गए हैं। विभाग के अनुसार टी 80, टी 47 फलौदी रेंज में हैं। वहीं करौली में अब मात्र 2 ही बाघों टी 72 व 76 का मूवमेंट बताया जा रहा है। वहीं फलौदी रेंज में बाघ टी-42 यानि फतेह, बाघिन टी-114, बाघ टी-108 व एक अन्य बाघिन का मूवमेंट बना हुआ है।
डपटा व बलवन में मिली लोकेशन
बाघ टी-110 काफी समय से रणथम्भौर से बाहर है। यह बाघ पहले सखावदा तक पहुंच गया था। वर्तमान में यह बलवन में घूम रहा है। इधर, बाघ टी 115 का डपटा में व टी 62 व बाघिन टी 59 क्वांलजी के जंगलों में घूम रहे हैं।
वन विभाग ने लगाए कैमरे
रणथम्भौर से तीन बाघ व एक बाघिन के बाहर निकलने के बाद वन विभाग में भी हलचल तेज हो गई है। बाघ बाघिनों की ट्रेकिंग के लिए विभाग की ओर से इंद्रगढ़ के जंगलों मेें 30 फोटो ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। वन विभाग की ओर से बाघों की लगातार मॉनिटरिंंग की जा रही है।
संघर्ष की आशंका
वनाधिकारियों ने बताया कि एक बाघ व एक बाघिन की लोकेशन क्वांलजी व एक बाघ की बलवन व एक की डपटा में मिली है। चारों बाघ-बाघिनों के बीच की दूरी फिलहाल पर्याप्त हैं, लेकिन जगह बदलने के साथ ही इनके नजदीक आने की आशंका से भी विभाग इनकार नहीं कर रहा है। ऐसे में संघर्ष की स्थिति भी बन सकती है। इसके लिए वन विभाग की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है।
इनका कहना है…
यह सही है रणथम्भौर से तीन बाघ व एक बाघिन इंद्रगढ़ व बूंदी की ओर निकले हैं, लेकिन इनकी मॉनिटरिंग रणथम्भौर बफर एरिया इन्द्रगढ़ की टीम कर रही है।
बीजू जॉय, उपवन संरक्षक, बूंदी
रणथम्भौर के तीन बाघ व एक बाघिन बफर जोन व पेराफेरी के आसपास घूम रहे हैं। दो बाघों का मूवमेंट इंद्रगढ़ की ओर है। बाघों की मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
मनोज पाराशर, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

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