क्षेत्र के देईखेडा अस्पताल को सीएचसी में क्रमोन्नत होने को आठ वर्ष होने को आए बावजूद सुविधाएं नहीं बढ़ी। वर्तमान में सात बेड ही है जबकि सीएचसी के हिसाब से 30 बेड होने चाहिए।
बूंदी•Apr 22, 2021 / 09:31 pm•
पंकज जोशी
यहां इतने रोगी बढ़े कि अस्पताल में जगह नहीं
यहां इतने रोगी बढ़े कि अस्पताल में जगह नहीं
नोताड़ा. क्षेत्र के देईखेडा अस्पताल को सीएचसी में क्रमोन्नत होने को आठ वर्ष होने को आए बावजूद सुविधाएं नहीं बढ़ी। वर्तमान में सात बेड ही है जबकि सीएचसी के हिसाब से 30 बेड होने चाहिए।
मरीजों की संख्या बढऩे पर परेशानी बढऩे लगी है। बेड नहीं होने से ड्रीप लगाने के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। मंगलवार को भी रोगियों की संख्या अधिक होने की वजह कई रोगियों को ड्रीप चढ़ाने के लिए बेड का इंतजार करना पड़ा। मरीजों ने बताया कि यहां पर बेडों की संख्या बढऩी चाहिए। क्षेत्र में बुखार, उल्टी, दस्त के रोगियों की भी संख्या बढ़ गई।
अस्पताल का भवन पीएचसी का है, जबकि मरीजों की संख्या बढ़ गई। यहां बेड की संख्या बढऩी चाहिए। अस्पताल से करीब 32 गांव जुड़े हैं इसलिए भीड़ रहती है।
ललित किशोर मीणा, चिकित्सा अधिकारी व प्रभारी देईखेड़ा
बीमार परिजन को लेकर देईखेड़ा अस्पताल में आया था, लेकिन बेड की संख्या कम होने से जगह नहीं मिली। इसलिए ड्रीप लगवाने के लिए एक घंटे तक का इंतजार करना पड़ा। यहां पर बेड की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए।
प्रदीप कोहरीया, सरपंच ग्राम पंचायत रैबारपुरा