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BUNDI : 12 वर्ष की उम्र में बेची बेटी की देह, घर बसाने को तैयार हुई तो बने दीवार

बूंदी की बाल कल्याण समिति तह तक गई तो उजागर हुई ज्यादती
 

बूंदीDec 23, 2021 / 05:54 pm

Nagesh Sharma

BUNDI : 12 वर्ष की उम्र में बेची बेटी की देह, घर बसाने को तैयार हुई तो बने दीवार

BUNDI : 12 वर्ष की उम्र में बेची बेटी की देह, घर बसाने को तैयार हुई तो बने दीवार

बूंदी. जिले के एक गांव की युवती को अपने ही परिजनों ने 12 वर्ष की उम्र में देह व्यापार के दलदल में धकेल दिया और अब जब बालिग होने के बाद वह अपना घर बसाने को तैयार हुई तो दीवार बनकर खड़े हो गए हैं। युवती को कहीं कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। हालांकि उसने इस दलदल से निकलने का पूरा मन बना लिया है। अपना साथी चुन लिया और अब उसी के साथ जीवन बिताने की ठान ली है।
गांव की ज्योति (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह 12 वर्ष की थी, तब से देहव्यापार के दलदल में हैं। उसे भाई, बड़ी ***** और मां ने इस दलदल में धकेला है। अब वह बालिग हो गई, लेकिन परिवारजन ही उसे इस दलदल से नहीं निकलने दे रहे हैं। उसने गांव के ही एक युवक के साथ अपना घर बसाने का निर्णय किया, लेकिन परिजन युवक के घर वालों को धमका रहे हैं। वे 25 लाख रुपये की डिमांड कर रहे हैं। जब घर वालों की बात नहीं मानी तो उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार करा उसके खिलाफ हिण्डोली थाने में प्रकरण दर्ज करवा दिया।
पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश, जिसमें सारा खुलासा हुआ। युवती बालिग होने के साथ परिवार के ज्यादती करने की बात सामने आई। समिति सदस्यों ने कार्रवाई की औपचारिता मात्र न करके उसकी पीड़ा सुनी है। अब उसे स्वतंत्र किया गया है। साथ ही उसे मदद का भरोसा दिया है। सुरक्षा के लिए पुलिस अधिकारियों को लिखा गया है।
बार में डांसर थी ज्योति
ज्योति के मुम्बई के बार और अन्य कई स्थानों पर काम किया। उसे 12 साल की उम्र में ही मध्यप्रदेश के सोयत भेज दिया था। फिर मुम्बई के बार में रखा। फिर घांसमंडी में भी इस दलदल में काम किया। फिर दोबारा मुम्बई भेज दिया।
आकाश ने दिया साथ
युवती से गांव का ही आकाश शादी रचाने को तैयार हो गया। उन्होंने ग्वालियर आर्य समाज में शादी भी कर ली, लेकिन इसे युवती के परिजन नहीं मान रहे। उसे आए दिन धमका रहे बताए।
दस्तावेज में बना दिया नाबालिग
परिजनों की बात नहीं मानी तो उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर उसे नाबालिग बना दिया। अपहरण का मुकदमा थाने में दर्ज करा दिया। बाद में उसे पुलिस की मदद से पकडऩे में कामयाब भी हो गए। लेकिन जब युवती को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया तो सारा घटनाक्रम उजागर हो गया। समिति की टीम ने इस मामले को गंभीरता से लिया और युवती का दर्द जाना। जिसमें उसने न सिर्फ अपनी पीड़ा बताई बल्कि असल दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। मेडिकल कराया, जिसमें उसके बालिग होने की पुष्टि हुई। समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने इसे गंभीरता से लिया।

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