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बूंदी

अनूठी शादी :अब सूना नही रहेगा बाबुल का आगंन, ससुराल जाने से पहले बेटी लगा गई पौधे

दुल्हन ने ऐसा काम किया है जो लोगों के लिए नजीर बन गई है।

बूंदीDec 01, 2017 / 06:07 pm

Suraksha Rajora

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Dulha-Dulhan Did planting


बूंदी- दुल्हन बनने जा रही लड़की को सात फेरे लेने के पूर्व मेहंदी या अन्य रस्मों को निभाते तो आपने खूब देखा और सुना होगा लेकिन एक दुल्हन ने ऐसा काम किया है जो लोगों के लिए नजीर बन गई है।यहां दुल्हन ने विदाई से पहले पौधे रोपकर हरियाली अभियान में अपनी भागीदारी निभाई। बूंदी की बेटी सुषमा हाडा़ ने दूल्हन बनने के पहले पौधे लगाए।
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बेटी के विवाह को लेकर शहर में पिता हरिराज सिंह हाड़ा के घर पर ऐसे भी चहल-पहल नजर आ रही थी लेकिन उनकी पुत्री के शादी के पूर्व पौधारोपण के संकल्प को पूरा करने के लिए आसपास के भी कई लोग जुटे । सुषमा की शादी गुरुवार की शाम को हुई लेकिन हाथों में मेहंदी लगाने के बाद सुबह से ही किरण पौधे लगाने के लिए गड्ढे खोदे और जिस विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की उसी स्कूल में पौधारोपण कर अन्य बेटियों को भी जागरूक किया। नैनवा रोड स्थित आदर्श विद्या मंदिर स्कूल में प्रधानाचार्य राधेश्याम शर्मा ने बेटी के इस कार्य की सराहना की। पौधारोपण के बाद शादी की अन्य रस्में शुरू हुईं। बेटी हाड़ा ने खुद से संकल्प लिया था जिस दिन पिता के आंगन से शादी कर विदा होगी उससे पहले पौधारोपण करेगी और आखिर वो दिन आ ही गया जब उसके यह अरमान पुरे हुए।
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वे कहती हैं कि सूखते पेड़ों व जंगल को बचाना हम सबका कर्तव्य है। पर्यावरण सुरक्षित रहेगा, तभी हम भी ठीक से रह पाएंगे। उन्होंने बताया कि पौधरोपण के माध्यम से वह अपनी शादी को यादगार बनाना चाहती हैं। इससे अन्य लड़कियां और लड़के भी प्रेरणा लेंगे। बेटी के इस अनोखे संकल्प से पिता भी खुश हैं। हरिराज सिंह हाड़ा कहते हैं कि बेटी की इस पहल से न केवल लोगों को हरियाली का संदेश मिला है, बल्कि अन्य लोग भी इससे प्रेरित होंगे। शहरों में तो ऐेसे ही हरियाली कम हो रही है। अगर गांवों से भी हरियाली नहीं रही तो लोगों के लिए समस्या उत्पन्न हो जाएगी। गांव की हर बेटी को इसके लिए आगे आना होगा।
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सुषमा हाड़ा ने भीलवाड़ा निवासी बिजनेसमेन सत्यवीर सिंह राठौड़ के साथ सात फेरे लिए। हाड़ा का बचपन से ही प्रकृति से लगाव रहा है। जब वे कक्षा पांचवी में पढ़ती थी तभी से पौधारोपण कर रही है। घर और गांव के कई पेड़ो को सूखने से बचाया है। ससुर पर्वत सिंह राठौड़ ने बहु के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें खुशी हे जिस शहर से बेटी को ले जा रहें है, वहां पौधे के जरिए हरियाली देकर जा रहें है।
देशभक्ति कविताओं को लेकर हो चुकी सम्मानित-
सुषमा हाड़ा प्रकृति के साथ देशप्रेमी भी है, उनकी कविताओं में देशप्रेम साफ झलकता है। देशभावनाओं से ओतप्रोत है। बचपन से कविताएं लिखने की शौकिन हाड़ा राज्य स्तर पर भी कई बार सम्मानित हो चुकी है।

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