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अब एक माह तक मांगलिक कार्यो पर लग जाएगा ब्रेक…

36 दिन मांगलिक कार्य व शादी-विवाह के लिए शुभ व फलदायी मुहुर्त रहेंगे।

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ek maah tak maangalik kaaryo par lag jaega brek...

बूंदी. मांगलिक कार्यों पर 14 मार्च से पूरे महीने भर के लिए ब्रेक लग जाएगा। इन दिनों मांगलिक कार्य नहीं किए जाएंगे। 18 अप्रैल से अक्षय तृतीया से पुन: शुभ कार्य की शुरूआत की जाएगी, एवं 11 जुलाई तक 36 दिन मांगलिक कार्य व शादी-विवाह के लिए शुभ व फलदायी मुहुर्त रहेंगे।

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ज्योतिषाचार्य अमित जैन के अनुसार वैसे तो अभी 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में चले जाने से मलमास लग जाएगा जो 14 अप्रैल को पूरा होगा। पूरे मार्च के महीने में मांगलिक, वैवाहिक व शुभ कार्य नहीं हो सकेंगे। अप्रैल से जुलाई तक की अवधि में शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए 36 दिन शुभ मुहूर्त रहेंगे।

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अप्रैल में 18, 19, 24, 25, 27, 28 व 30 अप्रैल, मई में 1 से 12मई तक लगातार, व जून में 18 से 29 जून, जुलाई में 5, 6, 9, 10 व 11 जुलाई को विशेष शुभ मुहूर्त रहेंगे। इनमें वैवाहिक व मांगलिक कार्य किए जाना फलदायी रहेंगे।

देवशयनी एकादशी 23 जुलाई से-

23 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ देव सो जाएगें। ज्योतिषियों के हिसाब से इस अवधि में शुभ मांगलिक कार्य नही किए जाते है। मान्यता है हरि विष्णु चार माह के लिए शयन पर जाते हैं। इस दौरान मांगलिक कार्य व वैवाहिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे। लेकिन मंदिरों में धार्मिक कार्य किए जाएगें।
मलमास शुरू हो जाने से विवाह संस्कारों पर एक माह के लिए रोक लग जाएगी। साथ ही अनेक शुभ संस्कार जैसे जनेऊ संस्कार, मुंडन संस्कार, गृह प्रवेश भी नहीं किया जाएगा।

यह रहेंगे 9 रेखीय,10 रेखीय सावे-
19, 20, 27 अप्रेल, 21 जून और 12 दिसम्बर को 9 रेखीय और 13 दिसम्बर को 10 रेखीय सावा रहेगा।

ऐसे होती है रेखा की गणना-
लता दोष, पात दोष, युति दोष, वेध दोष, जामित्र दोष, पंचबाण दोष, एकगर्ल, उपग्रह दोष, कान्ति साम्य एवं दग्धा तिथि... इन दस दोषों का विचार करने के बाद ही शुभ मुहूर्त बनता है। रेखाओं की गणना इन्ही के आधार पर होती है। जितनी ज्यादा रेखाएं मुहूर्त उतना शुद्ध होता है।

अबूझ एवं स्वयं सिद्ध मुहूर्त-
18अप्रैल- अक्षय तृतीया
24 अप्रैल- जानकी नवमी
30अप्रैल- पीपल पूनम
22 जून- गंगा दशमी
21जुलाई- भडल्या नवमी
23जुलाई- देवशयनी एकादशी
19 नवम्बर- देवउठनी एकादशी