आपको बता दें कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के अगुवा कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने कहा कि गुर्जरों को आरक्षण दिलाने की मांग को लेकर वह कफन बांध कर निकले हैं। यह उनकी अंतिम और आर-पार की लड़ाई है। कांग्रेस सरकार ने चुनावी घोषणा पत्र में भी गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का वादा किया था। वह आरक्षण लेकर रहेंगे, चाहे गुर्जर समाज के लिए उन्हें कुछ भी करना पड़े।
प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी गत दिनों डाक बंगले में पत्रकारों से बातचीत में बैंसला ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि सत्ता में आने के बाद गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस सत्ता में भी आई और अभी तक आरक्षण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।
अवधि 8 फरवरी को पूरी गुर्जर समाज ने राज्य सरकार को 20 दिन का अल्टीमेटम दिया था। यह अवधि 8 फरवरी को पूरी होगी। इससे पूर्व 5 फरवरी को गुर्जर समाज अजमेर के बिजयनगर के पास साईमाला देव मंदिर में महापंचायत बुलवा कर आंदोलन की रणनीति तय करेगा। महापंचायत के लिए बैसला ने विभिन्न गांवों का दौरा किया।