लौटता मानसून जिले के किसानों के अरमानों पर पानी फेर गया। यहां दो दिन से चल रहे बारिश के दौर से खेतों में कटकर रखी फसलें खराब हो गई है।
बूंदी•Sep 22, 2018 / 09:34 pm•
Devendra
किसानों के अरमान ‘धो’ गया लौटता मानसूनअरमान ‘धो’ गया लौटता मानसून
-बारिश से फसलों में खराबा
– तिल्ली, उड़द, मूंग और मक्का में सर्वाधिक नुकसान
– सर्वे की उठी मांग
बूंदी. लौटता मानसून जिले के किसानों के अरमानों पर पानी फेर गया। यहां दो दिन से चल रहे बारिश के दौर से खेतों में कटकर रखी फसलें खराब हो गई है।तेज हवा से धान और मक्का की फसलें आड़ी पड़ गई है। किसानों ने सर्वे कराकर आर्थिक मदद की मांग उठाई है।
जिले में शनिवार को दूसरे दिन भी कई इलाकों में तेज बौछारें पड़ी। बारिश के बाद कई खेत जलमग्न हो गए। इन खेतों में अभी फसलों की कटाई का काम चल रहा है। कुछ जगहों पर किसानों ने फसलें काटकर सुखा रही है। बारिश से इन फसलों के खराब हो जाने की आशंका बढ़ गई है। शनिवार को किसानों का दिन खेतों में निकला। इधर, बारिश का क्रम रुक-रुककर दिनभर जारी रहा।
उड़द की चल रही कटाई
लाखेरी.उपखंड क्षेत्र में बरसात से फसलों में खराबा हो गया। किसानों ने बताया कि ६० दिन में पककर आने वाली उड़द की फसल की बुवाई की थी, जिसमें खराब हो गया। बसवाडा, बडाखेडा व मेज नदी के लाखेरी क्षेत्र की तरफ ९० फीसदी खेतों में उड़द की फ सल है, जिसकी कटाई चल रही है।
किसानों के चेहरे मुरझाए
केशवरायपाटन. बारिश से किसानों के चेहरे मुरझा गए। तेज बौछारें गिरने से खेतों में कटकर पड़ी उड़द, सोयाबीन की फसलें पानी में भीग गई। हवा से धान की फसल आड़ी पड़ गई। किसानों ने बताया कि बारिश से पकी फसल में नुकसान है। इस समय किसान खेतों में उड़द की कटाई कर रहे हैं, इसी बीच शुक्रवार शाम से ही बारिश का दौर शुरू हो गया। कस्बे के किसान उमेश कुमार ने बताया कि बारिश से सभी फसलों में नुकसान है, प्रशासन सर्वे करवाकर किसानों को राहत पहुंचाएं।
सामने खड़ा हुआ संकट
जजावर. कस्बे सहित आसपास के क्षेत्र में बरसात ने किसानों की समस्या बढ़ा दी है। क्षेत्र में अधिकांश किसानों की उड़द की फसल कटकर रखी हुई है जो बारिश में खराब हो जाएंगी। शनिवार को बारिश का दौर शुरू होने के बाद किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें दौड़ गई।किसान पकी पकाई फसल खेतों में उठने का इंतजार कर रहे थे कि बारिश ने उसे बर्बाद कर दिया। सोहन नागर, बिरधी लाल गुर्जर, रमेश सैनी, रामपाल नागर, हीरा लाल गुर्जर ने बताया कि कर्जा लेकर फसलें की थी।
देईखेड़ा. क्षेत्र में बरसात से उड़द की फसल खराब हो गई। बलदेवपुरा, कोटड़ी, घाट का बराना, झपायता, देईखेड़ा, चहीचा गांव में सैकड़ों बीघा उड़द की फसल पककर तैयार हो गई थी, जो बारिश में खराब होंगी। यहां कई खेतों में पानी भरा रहने की परेशानी है।
रोटेदा. कस्बे में दूसरे दिन शनिवार को अलसुबह से बारिश का दौर शुरू होने के बाद किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया।सोयाबीन की फसल नष्ट हो गई। उड़द की फसल के पत्ते पीले पड़कर गलने लगे हैं। सबसे ज्यादा उड़द की फसल में नुकसान हुआ है।
भंड़ेड़ा.बारिश से खेतों में कटकर रखा उड़द खेतों में ही अंकुरित होने लगा है। सादेडा, मरां, बांसी, दुगारी, भजनेरी, गुढासदावर्तिया, डोकून, डोडी में उड़द की फसल पककर तैयार हो चुकी थी। रामगंज के किसान सुखपाल माली, महावीर गुर्जर, मांगीलाल सेन ने बताया कि उधार लेकर फसलें की थी, लेकिन सबकुछ नष्ट हो गया। उन्हें मुआवजा मिले। सहायक कृषि अधिकारी महावीर प्रसाद मीणा ने बताया कि फसलें खराब हुई है।
बरूंधन.धान की फसल पककर तैयार है। ऐसी स्थिति में बारिश के बाद तेज हवा चलने से धान की फसल आड़ी पड़ गई। किसानों को नुकसान हो गया।
बड़ानयागांव. क्षेत्र के खेतों में पानी भरने से उड़द की फसल खराब हो गई, किसानों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। किसानों ने बताया की क्षेत्र में कई किसानों ने खेतों में उड़द की फसल पकने के बाद काटकर समेटने का काम शुरू किया था। इसी बीच बारिश शुरू हो गई। अब उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।
पेच की बावड़ी. बारिश से ज्वार की फसल आड़ी पड़ गयी। किसानों ने बताया कि बारिश से पकी फसल में नुकसान हुआ है। इस समय खेतों में किसान उड़द की कटाई कर रहे हैं, इसी बीच बारिश का दौर शुरू हो गया। बारिश ने किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया। किसान राजु लालसोट, खेमराज आदि ने बताया कि बारिश से सभी फसलों में नुकसान है। प्रशासन सर्वे कराए।