scriptBUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला | Laxman Jhula will be built in Bundi's Barundhan | Patrika News
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BUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला

ग्रामीणों को नाव के भरोसे नदी पार नहीं करनी पड़ेगी। बस्ती के करीब से निकल रही घोड़ा पछाड़ नदी में 300 फीट लंबा लक्ष्मण झूला बनेगा। जिसकी चौड़ाई साढ़े चार फीट होगी
 

बूंदीOct 20, 2021 / 10:53 pm

Nagesh Sharma

BUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला

BUNDI : बरूंधन गांव में घोड़ा पछाड़ नदी पर बनेगा ग्रामीणों के सपनों का लक्ष्मण झूला

बूंदी. कहते हैं जहां चाह होती है वहां राह निकल आती है। ऐसा ही हुआ बरूंधन नाव घाट का टापरा बस्ती में। यहां आखिर ग्रामीणों के लंबे संघर्ष की जीत हो गई। अब ग्रामीणों को नाव के भरोसे नदी पार नहीं करनी पड़ेगी। बस्ती के करीब से निकल रही घोड़ा पछाड़ नदी में 300 फीट लंबा लक्ष्मण झूला बनेगा। जिसकी चौड़ाई साढ़े चार फीट होगी। इसकी प्रारंभिक लागत करीब पचास लाख रुपये आंकी गई। जिसके लिए बूंदी विधायक अशोक डोगरा ने 30 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति विधायक कोष से बुधवार को जारी कर दी। इसके निर्माण के लिए 10 लाख रुपये की मंजूरी तालेड़ा प्रधान राजेश रायपुरिया ने पंचायत समिति मद से देने की स्वीकृति दे दी। शेष राशि को अन्य विभाग और ग्राम पंचायत वहन कर लेंगी। यानी अब नाव घाट का टापरा बैरवा बस्ती के लोगों को ग्राम पंचायत मुख्यालय बरूंधन आने के लिए नाव का सहारा नहीं लेना पड़ेगा। स्कूली बच्चे बारिश में भी आसानी से रोज स्कूल आ-जा सकेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार आरटीयू के रिटायर्ड प्रोफेसर आर.सी. मिश्रा इसकी डिजाइन तैयार कर रहे हैं। जो दो-तीन दिन में बनकर तैयार हो जाएंगी। इसे सार्वजनिक निर्माण विभाग तैयार करेगा। इस पर से पैदल, बाइक निकल सकेगी।
फैक्ट फाइल
300 फीट लंबा होगा
साढ़े चार फीट चौड़ा होगा
दुपहिया वाहन निकल सकेंगे
15 सौ घरों की बस्ती को मिलेगी राहत

अभी यह : 15 सौ घरों की आबादी, नाव के भरोसे
बरूंधन ग्राम पंचायत की नदी पार नाव घाट का टापरा बैरवा बस्ती में करीब पन्द्रह सौ लोग बसे हुए हैं। इस बस्ती के करीब दो बच्चे रोज पढ़ाई के लिए नाव में बैठकर बरूंधन आते हैं। ग्रामीणों को भी बरूंधन आने के लिए इसी नाव का सहारा लेना पड़ता है। बारिश के दिनों में नाव बंद करने से करीब तीन माह तक इस बस्ती के बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल नहीं आ पाते। ग्रामीण बीते 30 वर्षों से यहां पुलिया निर्माण की मांग उठा रहे थे। यहां बरूंधन ग्राम पंचायत के 9, 10 व 11 वार्ड हैं।
…तो किमी का चक्कर
बारिश के दिनों में ग्रामीणों को बरूंधन आने के लिए करीब पन्द्रह किलोमीटर का चक्कर काटना पड़ता है। ग्रामीण नमाना या बरूंधन चौराहे से होते हुए पहुंचते हैं। जो करीब पन्द्रह किलोमीटर है।
राजस्थान पत्रिका बना बरूंधन की आवाज
बरूंधन नाव घाट का टापरा बैरवा बस्ती के लिए नदी पर पुलिया बने इसके लिए इस मुद्दे को राजस्थान पत्रिका ने प्रमुखता से उठाया। जनप्रतिनिधि जयपुर जाकर मुख्यमंत्री और सार्वजनिक निर्माण विभाग के मंत्री से मिले। बूंदी विधायक अशोक डोगरा को बजट के लिए आग्रह किया। विधायक डोगरा ने भी इस मसले को कई बार विधानसभा में रखा।

बरूंधन में ग्रामीणों की लंबे समय से मांग थी। यह लोहे का झूला बनेगा। इसकी डिजाइन तैयार होने में हैं। बजट मिलने से इसे बनाने का रास्ता साफ हो गया। इससे ग्रामीण पैदल या फिर दुपहिया वाहनों से आसानी से आ जा सकेंगे।
वी.के. जैन, अधीक्षण अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, बूंदी

बरूंधन के ग्रामीणों की लंबे समय से पुल की मांग थी। बारिश के दिनों में मैने भी मौके पर जाकर हालात देखे थे। विधायक कोष से 30 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दे दी। प्रधान से 10 लाख रुपये दिलवा दिए। और भी जरूरत हुई तो काम को नहीं रुकने दिया जाएगा।
अशोक डोगरा, विधायक, बूंदी

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