45 हजार की नौकरी छोड़ मुकेश बना किसान
आजकल की पीढ़ी फि र से गांवों की ओर रुख कर रही है और खेती के तरीकों में बड़े बदलावों की भूमिका तैयार कर रही है।
45 हजार की नौकरी छोड़ मुकेश बना किसान
जजावर. आजकल की पीढ़ी फि र से गांवों की ओर रुख कर रही है और खेती के तरीकों में बड़े बदलावों की भूमिका तैयार कर रही है। कुछ ऐसी ही कहानी है बूंदी जिले के जजावर कस्बे के मुकेश नागर की, जो एमएससी एग्रोनोमी करने के बाद अब अपनी पुश्तैनी जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहा है। नागर ने बताया कि 45 हजार प्रतिमाह मिलने के बावजूद उन मन खेती में नवाचार करने का था। इसके बाद स्ट्राबेरी की खेती करने का निर्णय किया। मुकेश ने तय किया कि वह अब अपने आप ही चीजें सीखेंगे। इंटरनेट और यूट्यूब के जरिए स्ट्रॉबेरी की खेती के संबंध में नोट्स बनाना शुरू किया। फिर नियमित तौर पर कृषि विशेषज्ञों से सलाह ली और स्ट्रॉबेरी की खेती से जुड़ी हर बारीकी को समझा। अक्टूबर 2019 में अपने गांव आया और सिर्फ आधी एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की। सिर्फ दो महीनों में स्ट्रॉबेरी की फ सल खड़ी कर ली।
इस तरह किया रोपण
मुकेश ने बताया कि केएफ बायोप्लान्ट्स प्राइवेट लिमिटेड पुणे से पौधे खरीदे। दस रुपए की दर से पौधे मिले उन्हें आधी एकड़ जमीन पर रोपित किया। पौधे अधिकतम संभावित दूरी पर लगाए गए।
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