नृसिंह जयंती के अवसर पर शहर के प्राचीन नृसिंह मंदिर पर चली आ रही प्राचीन परम्परा के अनुसार ढाई कड़ी की लीला मंचन के साथ मनाई गई।
बूंदी•May 18, 2019 / 07:42 pm•
पंकज जोशी
नृसिंह की नगरी में भगवान नृसिंह की एक झलक पाने को आतुर दिखे श्रद्धालु
कापरेन. नृसिंह जयंती के अवसर पर शहर के प्राचीन नृसिंह मंदिर पर चली आ रही प्राचीन परम्परा के अनुसार ढाई कड़ी की लीला मंचन के साथ मनाई गई। देर रात्रि को ढाई कड़ी की लीला का मंचन शुरू हुआ और शनिवार को अल सुबह खम्ब फाडक़र भगवान नृसिंह का प्राकट्य हुआ तो दर्शनों के लिये भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। लीला मंचन श्रीनृसिंह अखण्ड कीर्तन मण्डली के तत्वाधान में किया गया। जिसमें स्थानीय पात्रों ने भूमिका निभाई। कलाकारों ने अपने ही अंदाज में स्थानीय भाषा में लीला के दौरान हिरण्यकश्यप द्वारा प्रहलाद को प्रताडि़त करने ,तरह तरह की यातनाएं देने, नृसिंह भगवान के प्राकट्य ओर हिरण्यकश्यप के वध का मंचन किया। दुर्गालाल मीणा भक्त प्रहलाद बने, राजा हरिण्यकश्यप की भूमिका मन्नालाल प्रजापत ने निभाई, वहीं गजेंद्र सिंह ने रानी कयादु व प्रेमशंकर बैरागी ने नृसिंह भगवान की भूमिका निभाई। रात्रि को समय जैसे जैसे बढ़ता गया लीला देखने वालों की संख्या भी बढ़ती गई। अल सुबह तीन बजे से श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शनों के लिए पहुंचे ओर भगवान के अवतार लेने व दर्शनों के लिए उत्सुक रहें। भक्त प्रहलाद के जन्म से लीला का मंचन शुरू हुआ और अल सुबह 4 बजे भक्त प्रहलाद की रक्षा करने, भक्तो का मान रखने के लिए जैसे ही खम्ब फाड़ कर भगवान नृसिंह का प्राकट्य हुआ तो मन्दिर परिसर भगवान नृसिह के जयकारों से गूंज उठा। दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। भक्त भगवान नृसिह की झलक पाने को आतुर दिखाई पड़े। पुजारी जगदीश बैरागी ने भगवान की विधिवत रूप से पूजा अर्चना की बाद में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर भगवान का आशीर्वाद लिया। इस दौरान नृसिंह कीर्तन मंडल समिति अध्यक्ष महेंद्र व्यास, सदस्य शिवराज सिंह हाड़ा, रघुनाथ प्रजापत, ललित पंसारी, डॉ. मांगीलाल गोचर, दुर्गाशंकर राठौड़, जगदीश गर्ग, गोलू गौतम, आदि ने लीला मंचन के दौरान सहयोग किया। महाआरती एवं प्रसादी वितरण के साथ तीन दिवसीय नृसिंह लीला का समापन हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।