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पुलिस लाइन के एसआई रूग्गाराम से 8 अप्रेल को मुल्जिम राकेश को सिरसा ले जाते वक्त खोई सर्विस रिवॉल्वर का दस दिन बाद भी पता नहीं चल पाया। सवाईमाधोपुर में ट्रेन रुकने पर वे पानी पीने उतरे, लेकिन वापस चढ़ते समय उनकी सर्विस रिवाल्वर नहीं मिली। उन्होंने जीआरपी सवाईमाधोपुर थाने में रिपोर्ट भी दी, लेकिन दस दिन बाद भी न तो उसमें मुकदमा दर्ज हुआ और न ही रिवॉल्वर का पता चला। पहले भी खो चुके हैं हथियार पुलिस के हथियार खोने का यह पहला मामला नहीं है। सूत्रों के अनुसार वर्ष 2000 में नयापुरा थाने से एक कार्बाइन चोरी हो गई थी। करीब 18 साल बाद भी पुलिस उसे नहीं तलाश पाई। गुर्जर आंदोलन के दौरान मई 2007 में भी दादाबाड़ी थाना क्षेत्र के बोराबास में कुछ लोगों ने पुलिस की बस में आग लगाकर कई हथियार लूट लिए थे। इस मामले में मुकदमा भी दर्ज हुआ, लेकिन हथियारों का पता नहीं चला।
यह अपवाद : थाने से चोरी गई रिवॉल्वर मिली करीब एक साल पहले मंडाना थाने से संतरी की सर्विस रिवॉल्वर भी चोरी हो चुकी है, लेकिन संतरी ने बिना अधिकारियों को बताए मालखाने से दूसरी रिवॉल्वर निकाल ली थी। हालांकि अगले दिन रिवॉल्वर मिल गई थी और चोरी करने वाला आरोपित भी। अधिकारियों ने संतरी के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था।
हथियार खोना घोर लापरवाही एसपी अंशुमान भौमिया ने बताया कि पुलिस कर्मियों के पास से सरकारी हथियार खोना घोर लापरवाही है। वह भी अधिकारी स्तर के पुलिसकर्मी से हथियार खोना तो और भी गम्भीर है। हथियार संभालकर रखना पुलिस की जिम्मेदारी है।