विश्व चाय दिवस हो और बूंदी की बात नहीं हो तो जायके में कुछ कमी रह जाएगी।
बूंदी•Apr 22, 2019 / 12:55 pm•
पंकज जोशी
राजस्थान के इस शहर में विदेशों से आ रहें चाय का स्वाद लेने पावणें
विश्व चाय दिवस : बूंदी में चाय का स्वाद निराला
बूंदी. विश्व चाय दिवस हो और बूंदी की बात नहीं हो तो जायके में कुछ कमी रह जाएगी। इस ऐतिहासिक शहर में आज भी तडक़े चाय की चुस्की उसी अंदाज में ली जाती है जैसे राजा-महाराजाओं के वक्त चाय की चौपाल जमा करती थी। इन जगहों और थडिय़ों के नाम यदि आप दूसरे शहरों में बैठे भी लेंगे तो लोग तपाक से बोल पड़ेंगे ‘अरे उसकी चाय तो गजब है…’।
विदेशियों को चढ़ा स्वाद
तिलक चौक में कृष्णा चाय वाले से तो सभी परिचित हैं। यह अलग-अलग स्वाद में चाय पिलाता है जो खासकर विदेशी पर्यटकों को खूब रास आ रही है। कृष्णा के चाय बनाते वीडियो को यू-ट्यूब पर तीस लाख लोग देख चुके।
तीसरी पीढ़ी ने संभाला
कागजी देवरा में कालूजी की चाय की अपनी बात है। यहां 1 पैसे से चाय की बिक्री शुरू की थी। वक्त बदला तो अब पांच रुपए लेते हैं, लेकिन यहां की खास बात यह है कि चाय कांच के गिलास में मिलती है। जिसे भी चाय पीने के बाद स्वयं ग्राहक ही धोकर रखते हैं।
निर्धारित समय तक ही मिलते हैं बालचंदजी
शहर में चाय की थडिय़ां तो खूब है, लेकिन शहर के मीरा गेट रोड पर बालचंदजी की चाय के चर्चे पूरे शहर में रहते हैं। यहां कई नामी लोग भी चाय का स्वाद लेने आते हैं। खास बात यह कि बालचंदजी होटल में निर्धारित समय तक की चाय मिलती है। फिर बाद में भले कोई भी आए। बालचंद जैन अब 68 वर्ष के हो गए। वे वर्ष 1985 से सुबह दिन निकलने से दोपहर एक बजे तक ही चाय पिलाते हैं।