नैनवां उपखंड के गांवों में जलापूर्ति के लिए आने वाले टैंकरों पर जीपीएस से निगरानी की जा रही है।
बूंदी•Apr 25, 2019 / 12:19 pm•
Narendra Agarwal
लाइनों को नहीं हुआ मिलान तो पांचवे दिन भी रह गए प्यासे
नैनवां. नैनवां उपखंड के गांवों में जलापूर्ति के लिए आने वाले टैंकरों पर जीपीएस से निगरानी की जा रही है। जलदाय विभाग अब तक तीन चौथाई टैंकरों पर जीपीएस लगवा चुका है। बाकी टैंकरों पर भी दो दिन में जीपीएस लगवा दिए जाएंगे। बरसात कम होने से बांध व तालाब सूखे रह जाने से नैनवां उपखंड के गांवों में इस वर्ष पेयजल संकट की गंभीर स्थिति बन गई है। जलदाय विभाग को उपखंड के 104 गांवों व ढाणियाों में टैंकरों से पानी पहुंचाना पड़ रहा है। जलदाय विभाग के सहायक अभियंता पीएल मीना ने बताया कि 104 गांवों व ढाणियों में पानी पहुंचाने के लिए 24 टैंकर लगे हुए है। इनमें से 17 टैंकरों में जीपीएस लगवाए जा चुके हैं। बाकी सात टैंकरों में भी दो दिन में जीपीएस लगवा दिए जाएंगे। जलापूर्ति के लिए लगे टैंकरों की संख्या में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद विभाग ने यह व्यवस्था की है। जीपीएस लग जाने से अब ठेकेदार टैंकरों की संख्या में गड़बड़ी नही कर पाएंगे। जलापूर्ति के लिए ठेकेदारों द्वारा टैंकर लगाने से पहले से उनकी क्षमता का भी माप करवाया गया है। पांच हजार लीटर पानी से अधिक भराव क्षमता वाले टैंकर ही जलापूर्ति के लिए लगवाए जा रहे हैं। प्रशासन द्वारा नैनवां पंचायत समिति की ग्राम पंचायतों द्वारा कराए गए सर्वे में 191 गांवों में पानी का संकट माना है। जैसे-जैसे गांवों में पानी संकट बढता जा रहा है वैसे-वैसे ही जलदाय विभाग सर्वे कराकर टैंकर लगाता जा रहा है।