शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि जिस विद्यालय में 15 से कम नामांकन हो जाता है है उस विद्यालय को नजदीक के ही दूसरे विद्यालय में मर्ज करना होता है। सरकार ने जुवाणों का झोपड़ा प्राथमिक विद्यालय 3 मई 2013 को शुरू किया था। 2016 में 14 का तथा वर्ष 2017 में 6 का नामांकन रहने के बाद 2018 में शून्य हो जाने के बाद भी विद्यालय को मर्ज नहीं किया। जबकि इस विद्यालय से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर ही दूसरा उच्च प्राथमिक विद्यालय स्थित है।
जुवाणों का झोपड़ा में नियुक्त शिक्षक स्नेहलता नागर ने जिला शिक्षाधिकारी प्रारम्भिक के चार जुलाई के आदेश की प्रति दिखाते हुए कहा कि मैने तो जिला शिक्षाधिकारी के आदेश की पालना की है। हां यह सत्य है कि चार जुलाई तक विद्यालय में नामांकन शून्य था। पांच जुलाई को एक बालिका शिवानी का कक्षा चार में नामांकन दर्ज हुआ था। मैने 6 जुलाई को ज्वाइन किया है।
हुकुमचंद गुप्ता, जिला शिक्षाधिकारी प्रारम्भिक, बूंदी