scriptशनि जयंती 2018: 205 साल बाद बना शनि जयंती पर यह दुर्लभ संयोग… इन उपायों को करने से खुल जाएगा बंद किस्मत का ताला | shani jayanti 2018 | Patrika News
बूंदी

शनि जयंती 2018: 205 साल बाद बना शनि जयंती पर यह दुर्लभ संयोग… इन उपायों को करने से खुल जाएगा बंद किस्मत का ताला

ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि देव का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है।

बूंदीMay 14, 2018 / 12:02 pm

Suraksha Rajora

बूंदी. ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या को शनि देव का प्राकट्य उत्सव मनाया जाता है। आमतौर पर अमावस्या में पुण्य के लिए श्रद्धालु स्नान, दान, पितर तर्पण करते हैं। जबकि, शनि प्राकट्य के कारण यह अमावस्या श्रेष्ठ मानी है।

शनि जयंती पर इस वर्ष मंगलवार का योग रहेगा। साथ ही इस दिन सवार्थ सिद्धि योग, भौमवती अमावस्या और वट सावित्री व्रत का महासंयोग रहेगा। मंगल के उच्च राशि में रहते हुए शनि जयंती पर 205 साल पहले 30 मई 18 13 में यह संयोग बना था।

उस समय भी मंगल, केतु के साथ मकर राशि में और राहु कर्क राशि में था। बुध, मेष राशि में था। इस साल शनि धनु राशि में वक्री है। 29 साल पहले भी शनि धनु राशि में था। तब 15 मई 198 8 में शनि जयंती थी। शनि जयंती पर दशरथ कृत शनि स्रोत का पाठ, हनुमान और भगवान भोलेनाथ की उपासना लाभदायी रहेगी।
ज्योतिषाचार्य अमित जैन के अनुसार, वर्तमान में शनि धनु राशि में वक्री है। शनि की यह स्थिति 6 सितम्बर तक रहेगी। इस समय वृष, कन्या राशि पर ढैय्या और मकर, वृश्चिक, धनु पर साढ़े साती का प्रभाव रहेगा।
शनि की प्रिय यह वस्तुएं

न्याय का देवता यानी शनि को काली उड़द, काले तिल, लोहे के बर्तन, श्रीफल,काले वस्त्र, लकड़ी की वस्तुएं प्रिय हैं। इसलिए शनि जयंती पर इन वस्तुओं का दान अवश्य करें। वहीं जरूरतमंदों को भी भोजन कराएं। साथ ही अस्पतालों में गरीब बीमार लोगों को दवा का दान करें। ऐसा करने से सभी दु:ख दूर हो जाते हैं।
वट वृक्ष की परिक्रमा

वट सावित्री व्रत की उपासना भी 15 मई को होगी। सुहागिनें अखंड सौभाग्य की कामना से वट वृक्ष की 108 बार परिक्रमा कर धागा बांधेंगी। शास्त्रों के अनुसार वट सावित्री व्रत सती सावित्री ने किया था, उन्होंने व्रत से प्राप्त शक्ति से यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण वापस ले लिए थे। इस व्रत में भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
शनि जयंती पर राशि के अनुसार ये करें उपाय

मेष – सरसों के तेल का निर्धन दान करें।
वृषभ – कपड़े और शूज का दान दें।
मिथुन – वस्त्र और अन्न का दान दें।
कर्क – गाय को हरा चारा डाले।
सिंह – पक्षियों को दाना डाले।
कन्या – पांच तरह के फल बांटे।
तुला – नमकीन, जलेबी का दान करें।
वृश्चिक – पक्षियों को जल दें।
धनु – असहाय बुजुर्ग को छाता दें।
मकर – शूज-मौजे का दान दें।
कुंभ – गरीबों को मिठाइयां बांटें।
मीन – निर्धनों को नारियल पानी पिलाएं।

Home / Bundi / शनि जयंती 2018: 205 साल बाद बना शनि जयंती पर यह दुर्लभ संयोग… इन उपायों को करने से खुल जाएगा बंद किस्मत का ताला

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो