लोकसभा चुनाव के चलते रोडवेज की बसों का अधिग्रहण कर लेने के बाद रविवार से ही यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ गई है।
बूंदी•Apr 28, 2019 / 10:31 pm•
पंकज जोशी
तपती धूप में घंटों करना पड़ा इंतजार, नहीं आई बसें
-बूंदी आगार की10रोडवेज बसें हुई अधिग्रहित
बूंदी. लोकसभा चुनाव के चलते रोडवेज की बसों का अधिग्रहण कर लेने के बाद रविवार से ही यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ गई है। बूंदी बस स्टैंड स्थित यात्री प्रतीक्षालय में तपती धूप में बड़ी संख्या में यात्री अपनी बसों के इंतजार में बैठे रहे। घंटों प्रतीक्षा के बाद भी बसें नहीं आने से कुछ यात्रियों को मायूस लौटना पड़ गया।
लोकसभा चुनाव के चलते दो दिनों तक यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। बूंदी आगार की 10 बसें अधिग्रहित की जा चुकी है। ऐसे में व्यवसाय, सरकारी, निजी नौकरी या फिर अन्य कार्यों से बसों में प्रतिदिन सफर करने वाले यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ सकता है। घंटों इंतजार के बाद भी बस स्टैंड पर पहुंची बसों में यात्रियों को बैठने की ठोर नहीं मिली। ऐसे में यात्रियों को खड़े-खड़े बसों में सफर करना पड़ा। बसों के अधिग्रहण होने से निजी वाहन चालकों की चांदी हो गई।
धूप में करते रहे बसों का इंतजार
रोडवेज बसों के अलावा निजी बसों, टैक्सियों को भी अधिग्रहित किया गया है। ऐसे में समय पर बसें नहीं मिलने से गन्तव्य स्थान पर पहुंचने के लिए यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ गया है। बस स्टैंड पर मौजूद यात्री नंदकवरी बाई, प्रेम बाई, हर गोविंद व गिरिराज ने बताया कि नीम का खेड़ा, नैनवां, देई व पीपलिया, देवली की बसों का इंतजार करते हुए घंटे से डेढ़ घंटे हो गया, लेकिन अभी तक बसों के आने का कोई अता-पता नहीं है।
शादी-ब्याह में आई दिक्कत
कई लोग परिवार सहित अन्य जिलों में मांगलिक कार्यक्रम में जाने के लिए बसस्टैंड पहुंच गए। जिन्हें भी बसों के इंतजार में तपती धूप में परेशान होना पड़ गया।
यह रूट हुए प्रभावित
बूंदी आगार की रोडवेज बसें अधिग्रहित करने से बिजौलिया, जयपुर, सवाई माधोपुर, महवा, उदयपुर व केपाटन के रूट प्रभावित हो गए।
‘लोकसभा चुनाव कार्य के लिए बूंदी आगार की 10 बसें अधिग्रहित की गई है। जिसके चलते दो दिन यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। 30 अप्रेल से स्थिति पहले जैसी हो जाएगी।’
घनश्याम गौड़, मुख्य प्रबंधक, बूंदी आगार