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शिक्षक दिवस विशेष: मन से जगाई शिक्षा की अलख… बदल दी स्कूल की तस्वीर

समाज में गुरु का स्थान सर्वोच्च होता है। गुरु शब्द कान में पड़ते ही मानो हर व्यक्ति नतमस्तक हो जाता है।

बूंदीSep 05, 2018 / 09:55 pm

Suraksha Rajora

Teacher's day special: Awareness education mind changed picture school

शिक्षक दिवस विशेष: मन से जगाई शिक्षा की अलख… बदल दी स्कूल की तस्वीर

बूंदी. समाज में गुरु का स्थान सर्वोच्च होता है। गुरु शब्द कान में पड़ते ही मानो हर व्यक्ति नतमस्तक हो जाता है। आज गुरु का दिन यानि शिक्षक दिवस है। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर उनकी याद में मनाए जाने वाले इस दिन पत्रिका समाज के सभी शिक्षकों को प्रणाम करता है। पत्रिका ने कुछ ऐसे शिक्षकों को तलाशा जो न सिर्फ शिक्षा के क्षेत्र में उजास फैला रहें है बल्कि जिनकी भूमिका ने समाज में भी शिक्षा जागरूकता को बढ़ावा दिया है।

इस शिक्षक ने बदल दी स्कूल की तस्वीर…..


ज्ञान ऐसा हथियार है जिससे न केवल बड़े से बड़ा युद्ध जीता जा सकता है, बल्कि हर बुरी चीज को बदलने का मा²ा रखता है। इसका बिलकुल सही और सटिक तरीके से उपयोग किया है गुरु मांगीलाल नागर ने। स्कूल तो ऐसा हो गया जैसे कोई निजी स्कूल हो।

विद्यालय स्तर पर नवाचार-


संस्था प्रधान पर पदस्थ होने के बाद भी नागर स्क्ूली विद्यार्थियों को पूरा समय देते है, उनकी पढ़ाई से लेकर एसआईक्यूई गतिविधि , शिक्षण एबीएल कार्यशाला एवं कार्य पत्रको का डिस्प्ले करने सहित ही शनिवार को छात्र-छात्राओं के सामान्य ज्ञान व क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन कर प्रथम द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों का प्रार्थना सभा में सम्मानित करते है। यही नही बोर्ड परीक्षा व प्रतियोगी परिक्षार्थियों के लिए खुद नोट्स बनाते है। स्कूल में प्रवेश करते प्रतिदिन डिस्प्ले बोर्ड पर सद्विचार एवं सामान्य ज्ञान के प्रश्र विद्यार्थियों को नई ऊर्जा व प्रेरणा देते है।
जहां से बने, वहीं चल दिए…

जिस स्कूल की पगडंडी नापकर जीवन में शिक्षा की ज्यौत जलाई, आज उसी स्कूल के बच्चों को न सिर्फ शिक्षा बल्कि स्काउट-गाइड में नेतृत्व प्रदान करने ओर भारत के भावी निर्माता के रूप में तैयार करने वाले सैकड़ो बच्चे जो अपने अपने क्षेत्र में उच्च पदो पर पदस्थ है उन्हें देखकर सुकून महसूस करते हैं। नाम देवी सिंह सैनानी जो किसी परिचय के मोहताज नही। स्काउट-गाइड संगठन के लिए ही जीना ओर उसी के लिए मरना यह कहना है, सैनानी का।
उनके तरक्की की कहानी इसी स्कूल के गलियारों से शुरू होती है, बात चाहें बच्चों को शिक्षा देने की हो या स्कूल के विकास की। 19 साल तक बूंदी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में स्काउट-गाइड को मजबूत करने, स्कूल भवन और परिसर में पंचवटी का निमार्ण किया जो जिले मेंं कहीं नही। शिक्षक के पद पर सन् 1976 से शुरूआत हुई। अध्ययन काल से ही राष्ट्रपति अवार्ड प्राप्त कर चुके सैनानी का जीवन स्काउट-गाइड के प्रति समर्पित है।
रिटायर्ड होने के बाद मानो उन्होनें अपना जीवन संगठन की मजबूती में ही रमा लिया हो। इसके लिए परिवार तक की भी परवाह नही। 65 वर्षीय सेनानी उम्र के इस पड़ाव पर भी खुद को अपडेट कर युवा पीढ़ी के साथ कदम ताल करते है यही वजह है कि आज भी संगठन में उन्हें ही जिम्मेदारी दी जाती है। परिवार के कार्यो को छोड़ संगठन के अधिवेशन, विद्यार्थियों की टीम, उन्हें ट्रेनिग देने सहित सभी कार्य बिना स्वार्थ के अनवरत जारी है, खास बात यह है कि इन सब के लिए सेनानी कोई राशि नही लेते है। उन्होनें हजार से ज्यादा शिक्षक स्काउट गाइड संगठन के लिए तैयार कर दिए है।

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