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बूंदी के पर्यटन को बचाने हुए एकजुट

बूंदी के पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए चल रहे जन आंदोलन के तहत मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया।

बूंदीSep 04, 2018 / 09:03 pm

Nagesh Sharma

United by saving tourism of Bundi

बूंदी के पर्यटन को बचाने हुए एकजुट

– जिला कलक्टे्रट में किया विरोध प्रदर्शन
बूंदी. बूंदी के पर्यटन व्यवसाय को बचाने के लिए चल रहे जन आंदोलन के तहत मंगलवार को जिला कलक्ट्रेट में विरोध प्रदर्शन किया। गढ़ पैलेस की दरों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेन्द्र सिंह के खिलाफ भी नारे लगाए। प्रदर्शन में पर्यटन व्यवासय से जुड़े लोग व बालचंद पाड़ा इलाके के जनप्रतिनिधि शामिल थे।वे जुलूस के रूप में कलक्टे्रेट पहुंचे।
जिला कलक्टर के नाम सौंपे पत्र में बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीन चित्रशाला में जाने का भी महल के संचालक किराया वसूल कर रहे हैं। जबकि इसमें प्रवेश नि:शुल्क है।शहर के कई पर्यटक स्थलों पर दरवाजे लगाए दिए गए हैं, जिससे बूंदी भ्रमण पर आ रहे पर्यटक इन स्थानों पर घूम नहीं पा रहे।इन गेटों को खोला जाना चाहिए। चित्रशाला पूरी तरह से जर्जर होकर अपना नूर खो रही है, इस ओर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।शहर आवारा मवेशियों से अटा हुआ है। सफाई अब कहीं नजर नहीं आ रही। कुंड-बावडिय़ों के हाल किसी से छिपे नहीं हैं। अतिक्रमण करने की तो बाढ़ आ गई है। गढ़ पैलेस, फोर्ट की दीवारी, जैतसागर झील, नवल सागर, ८४ खंभों की छतरी आदि जगहों पर लाखों रुपए व्यय करके लाइटें लगाई थी जिन्हें खराब हुए लंबा समय हो गया। इन्हें तुरंत ठीक कराया जाना चाहिए। साथ ही ८४ खंभों की छतरी, रानीजी की बावड़ी, सुख महल में पुरातत्व विभाग की ओर से लिया जा रहा प्रवेश शुल्क कम किया जाना चाहिए। तभी बूंदी का पर्यटन बचा रह सकेगा। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेताया कि यदि उनकी मांगों पर गौर नहीं किया गया तो वह उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।
कृषि जिंसों पर वायदा बाजार समाप्त हो
आढ़तियों व व्यापारियों ने किया विरोध प्रदर्शन
बूंदी. कृषि उपज मंडी के व्यापारियों व आढ़तियों का आंदोलन मंगलवार को चौथे दिन भी जारी रहा। दोपहर को मंडी के व्यापारी और आढ़तिये जुलूस के रूप में जिला कलक्ट्रेट पहुंचे और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। इधर, कृषि उपज मंडी में जिंसों की खरीद फरोख्त नहीं की।
प्रधानमंत्री के नाम भेजे ज्ञापन में बताया कि मंडी यार्ड में समर्थन मूल्य पर की जाने वाली प्रत्येक जिंस की खरीद आढ़तियों के माध्यम से ही हो। उस पर आढ़त दी जाए। यदि समर्थन मूल्य की खरीद आढ़तियों के माध्यम से नहीं की जाए तो किसानों को भावान्तर योजना के तहत राशि दी जाए। ई-नाम योजना किसी भी रूप में लागू नहीं की जाए। कृषि जिंसों पर वायदा बाजार समाप्त हो। नाम परिवर्तन पर प्रशासनिक शुल्क के रूप में निर्धारित दर से राशि जमा करवाने की व्यवस्था निरस्त की जाए। सभी कृषि जिंसों पर मंडी सेंस ०.०५ वसूलें। व्यापारियों ने मंडी में यूडी टैक्स नहीं वसूलने की भी मांग रखी। आढ़तिया संघ के अध्यक्ष मधुसूदन काबरा, सचिव नीरज अग्रवाल ने बताया कि मंडी में पांच सितम्बर तक जिंसों की खरीद नहीं करेंगे।

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