जिला मुख्यालय बूंदी में सड़क जाम एक प्रमुख ज्वलंत समस्या बनी हुई है। आम से लेकर खास तक इससे परेशान हैं। लचर यातायात व्यवस्था, सिकुड़ती सड़कें एवं वाहनों के बढ़ते बोझ के आगे यहां ट्रैफिक व्यवस्था आए दिन लडख़ड़ा रही है।
बूंदी•Apr 13, 2019 / 12:07 pm•
पंकज जोशी
यदि आप खरीदारी करने या फिर रिश्तेदार से मिलने बूंदी आ रहें तो पहले पढ़ लें यह खबर
बूंदी. जिला मुख्यालय बूंदी में सड़क जाम एक प्रमुख ज्वलंत समस्या बनी हुई है। आम से लेकर खास तक इससे परेशान हैं। लचर यातायात व्यवस्था, सिकुड़ती सड़कें एवं वाहनों के बढ़ते बोझ के आगे यहां ट्रैफिक व्यवस्था आए दिन लडख़ड़ा रही है। अव्यवस्था के चलते प्रमुख बाजारों में बार-बार जाम के हाल बन रहे हैं। इसमें फंसे लोग भी इस परेशानी से जूझते नजर आ रहे हैं।
शहर के चौगान दरवाजा और चौमुखा बाजार में तो वाहन रेंगते दिख रहे हैं। कई बार शहर की इस बदहाल यातायात व्यवस्था को लोगों ने उचित मंचों पर उठाया भी है, लेकिन जिम्मेदारों का इस ओर ध्यान नहीं जा रहा है। इन दिनों त्योहारी खरीद शुरू होने से ग्रामीण इलाकों के सैकड़ों लोगों की आवाजाही बनी है, लेकिन वे भी शहर में बिगड़ी यातायात व्यवस्था से खासे खफा दिखाई पड़ रहे हैं। लोग अपनी मनमर्जी से आड़े-तिरछे वाहनों की पार्किंग कर रहे हैं।
बीच में डिवाइडर, करीब ही पार्किंग
कोटा रोड बाजार में नगर परिषद ने डिवाइडर का निर्माण करा दिया, लेकिन यातायात व्यवस्था नहीं सुधरी। यहां डिवाइडर के करीब ही दुपहिया वाहनों की पार्किंग की जा रही है, जिससे दिनभर जाम के हाल बने हुए हैं। चौपहिया वाहन आने के बाद तो घंटों तक निकलना मुश्किल रहता है।
चौगान दरवाजे के यहां हालात बदतर
चौगान दरवाजे से पैदल निकलना भी मुश्किल रहता है, लेकिन यहां वाहनों की पार्किंग शुरू करवा दी गई। बीते दिनों पुलिस की ओर आयोजित की गई बैठक में भी यह मुद्दा लोगों ने रखा था, लेकिन बात आई गई हो गई। यही हाल यहां दरवाजे के बाहर बने हुए हैं।
सड़कों पर पसरी दुकानें
दुकानदार आधी सड़कों तक पसरे हुए हैं, जिन्हें कोई टोकता नहीं है। कभी-कभार नगर परिषद का अतिक्रमण रोधी दस्ता जाता है, लेकिन वह भी शगुन के तौर पर कार्रवाई कर लौट जाता है। इसी का परिणाम है कि दुकान संचालकों ने फुटपाथ छोड़कर सड़कों तक कब्जा जमा लिया। इससे यातायात व्यवस्था भी खराब हो गई। जब कोई इन्हें टोकता भी है तो वे झगड़े पर आमादा हो जाते हैं।