मजदूरों का आरोप है कि प्रतिदिन दोपहर 2 बजे के बाद सभी मजदूरों को छुट्टी मिलती है। क्षेत्र में तेज धूप होने के कारण हमें बहुत ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, इसलिए हम सभी मजदूरों ने पंचायत सचिव के सामने मांग रखी कि हमें 1 बजे तक घर जाने की अनुमति होना चाहिए, लेकिन सचिव ने हमारी बात नहीं सुनी। सचिव के साथ मनरेगा कर्मियों की तीखी नोकझोंक हुई। इसके बाद काम कर रहे 300 मजदूर अपने घर वापस आ गए और रास्ते में हंगामा कर नारेबाजी की। मजदूर राहुल पवार ने बताया कि क्षेत्र में सभी पंचायतों में धूप को मद्देनजर रखते हुए 1 बजे तक छुट्टी हो जाती है, लेकिन डोईफोडिय़ा पंचायत में ऐसा नहीं हो रहा है। हमें 2 बजे के बाद छुट्टी दी जाती है। सचिव हमें बार-बार धमकी देते हैं कि तुम लोग काम नहीं करोगे तो पंचायत जेसीबी से काम करवा लेगी।
गर्मी से एक महिला मजदूर हुई थी बेहोस
मजदूर बाली जवाहर ने बताया कि हम सभी मजदूर सामाजिक दूरी बनाकर मुंह पर मास्क लगाकर लॉकडाउन के नियम का पालन कर रहे हंै, लेकिन धूप इतनी ज्यादा है कि सोमवार मंगलवार को एक महिला मजदूर बेहोश हो गई, फिर भी सचिव हमारी बात नहीं सुन रहे और अच्छे से बात भी नहीं करते। मनरेगा श्रमिकों ने बताया कि चिलचिलाती धूप में श्रमिक कार्य करने को मजबूर हैं। कार्य स्थल पर ना तो छाया है और ना ही मेडिकल किट। साथ ही पानी की व्यवस्था भी इतनी खास नहीं है। मजदूरों को पीने का पानी भी स्वयं लाना पड़ता है। बार-बार मांग के बावजूद भी कोई ध्यान नहीं देता। तेज धूप में अधिक देर तक खड़े रहने से भी व्यक्ति बेहोश हो सकता है, लेकिन पंचायत हमारी बात नही सुन रही, जबतक हमारी मांग पूरी नही होगी हम काम पर नहीं जाएंगे।
– ग्राम पंचायत के अंतर्गत 4 जगह काम चल रहा है, सभी स्थानों पर 7 बजे से 2 बजे तक काम करवाया जा रहा है। मजदूरों की मांग पूरी नहीं की जा सकती। मजदूरों को समझाने की कोशिश की, लेकिन मजदूर काम छोड़कर घर चले गए।
– प्रवेश शिवहरे, सचिव ग्राम पंचायत डोईफोडिय़ा