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बुरहानपुर

सोसायटियों से मांग के अनुसार किसानों को नहीं मिल रहा यूरिया खाद, बाजार से खरीद रहे किसान

– २ से बढ़ाकर ६ बोरी करने की मांग- अफसर बोले यूरिया की कोई कमी नहीं

बुरहानपुरDec 07, 2019 / 12:19 pm

ranjeet pardeshi

According to demand from societies, farmers are not getting urea fertilizer, farmers buying from market

According to demand from societies, farmers are not getting urea fertilizer, farmers buying from market

बुरहानपुर/शाहपुर. रबी सीजन की केला और गेहूं की बोवनी के लिए के इन दिनों किसानों को खाद की जरुरत है, लेकिन किसानों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है। सोसायटियों से किसानों को सीमित मात्रा में यूरिया खाद के कट्टे वितरित किए जा रहे हैं। इसके कारण किसानों में नाराजगी बनी हुई है। प्रति किसान को दो बोरी यूरिया ही मिलने के बाद बाजार से अधिक दामों में किसान यूरिया खाद खरीद रहे है।
शाहपुर क्षेत्र में केले का अधिक मात्रा में उत्पादन होने से किसानों को यूरिया की मांग अधिक रहती है।वृहत्तकार सहकारी समिति द्वारा किसानो को प्रति एकड़ 2 बोरी यूरिया ही दिया जा रहा है, किसानो की मांग है की सोसायटी प्रति एकड़ 6 बोरी यूरिया रकबे के हिसाब से किसानों को मिलना चाहिए। यूरिया की मांग अधिक होने के बाद किसानों को मजबूरन बाजार से अधिक दाम देकर यूरिया खरीदना पड़ रहा है। 45 किलो की बोरी का मूल्य समिति मे 26 7 रुपए है।समिति कार्यवाहक प्रबंधक महेंद्र चौधरी ने कहा हम शासन के आदेशानुसार ही किसानों को यूरिया का वितरण कर रहे है।किसानों को ज्यादा यूरिया नही दे सकते है।किसान प्रताप देशमुख, मनीष महाजन, धरमेन्द्र जैन, प्रदीप पवड़े, गजानन टेंभूर्ने, सुधीर बविस्कर आदी किसानो ने शासन की इस व्यवस्था का विरोध कर किसानों को मांग के अनुसार यूरिया की थैलियां देने की मांग की गई।
इस समय किसानों को यूरिया की आवश्यकता
रबी की बोवनी शुरू होने के बाद इस समय किसानों को यूरिया खाद की बहुत जरूरत है, लेकिन किसानों को उनकी मांग के अनुसार यूरिया खाद नहीं मिल पा रहा है। बाजार में भी यूरिया खाद के लिए किसानों को शहर जाना पड़ रहा है।यूरिया की मांग बढऩे के बाद डिमांड भी भेजी जा रही है।इस साल शासन द्वारा यूरिया खाद का शासकीय रेट 2६७ रूपए प्रति बोरी है। लेकिन कुछ व्यापारियों के पास अधिक दाम में यूरिया बेचा जा रहा है।किसान यूरिया खाद नहीं मिलने से फसल में पानी भी नहीं दे पा रहे है। समय पर यूरिया की मांग पूरी नहीं होने के चलते पैदावर प्रभावित होने की आशंका बन रही है।
सोसायटी से एक एकड़ पर मिल रहीे मात्र दो बोरी
किसानों का कहना है कि सहकारी समितियों के पास यूरिया खाद तो है, लेकिन एक एकड़ में केवल दो बोरी यूरिया खाद दिए जाने की बात कही जा रही है। जबकि किसानों की एक एकड़ में 5 बोरी यूरिया खाद की आवश्यकता है। एक एकड़ में दो बोरी ही खाद मिलने से पैदावर प्रभावित होगा। किसानों ने बताया कि फसल में पहला पानी शुरू करना है। लेकिन खाद की किल्लत होने की वजह से वे पानी नहीं दे पा रहे है। एक तरफ मांग के अनुसार खाद नहीं मिल रहा है। जिसके चलते सिंचाई भी नहीं कर पा रहे है।
बीना आधार कार्ड के नहीं मिलर रहा यूरिया
यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए शासन द्वारा आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है।कृषि विभाग अधिकारी मनोहर देवके ने कहा कि शासकीय सोसायटी और दुकानों पर किसानों का आधार कार्ड देखने के बाद ही यूरिया दिया जाना है।किसानों को बगैर आधार कार्ड के यूरिया नहीं मिलेगा। दुकानों और डीलरों के पास यूरिया और खाद लेने जाएंगे तो वहां उन्हें मशीन में अपना अंगूठा लगना होगा।
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अधिकारी बोले जिले में 900 टन यूरिया
कृषि विभाग के उपसंचालक मनोहर देवके ने कहा कि किसानों को सभी केंद्रों से यूरिया दिया जा रहा है। गेंहू, मक्का और केला उत्पादक किसानों को अभी मांग के अनुसार ही यूरिया दे रहे है। जिले में यूरिया भरपूर मात्रा में मौजूद है। ९०० टन यूरिया होने के बाद भी हमारे द्वारा मांग की गई है। अलगे माह जनवरी में यूरिया की दो रैक बुरहानपुर आ जाएगी। किसानों को आधार कार्ड सिस्टम के जरीए ही यूरिया की थैलिया दी जा रही है। अगर कोई दुकानदार किसान को अधिक दाम में यूरिया बिना आधार कार्ड के दे रहे है तो शिकायत मिलने पर कार्यवाही भी की जाएगी।
– शासन के आदेशानुसार ही किसानों को यूरिया का वितरण किया जा रहा है। एक किसान को दो बोरी से ज्यादा नहीं दे सकते हैं।
महेंद्र चौधरी, वृहत्तकार सहकारी समिति प्रबंधक
– जिले में यूरिया की किल्लत नहीं है, 900 टन यूरिया पड़ा है। अगले माह यूरिया की २ रैक बुरहानपुर आ रही है। किसानों को नियमानुसार ही यूरिया दिया जा रहा है।
मनोहर देवके, कृषि विभाग अधिकारी

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