नए उद्योग को ऐसे मिलेगा लाभ
मशीनों की खरीदी पर ४० प्रतिशत तक उद्योग विकास अनुदान का लाभ देने के साथ ही चार समान वार्षिक किश्तों में दिया जाएगा। महिला एवं एसटी, एससी वर्ग के युवाओं द्वारा नए उद्योग लगाने पर प्रतिवर्ष २ प्रतिशत का अतिरिक्त विकास उद्योग अनुदान मिलेगा। महिला उद्यमी को इस नीति में प्रतिवर्ष २.५ प्रतिशत ४ वर्ष के लिए अतिरिक्त अनुदान का प्रावधान है। उद्योग नई में ७० प्रतिशत रोजगार प्रदेश में निवास करने को दिया जाएगा। निजी या शासकीय भूमि नए उद्योग के लिए अधोसंरचना विकास के लिए ५० प्रतिशत अधिकतम २५ लाख रुपए की सहायता मिलेगी।
ईटीपी लगाने पर भी सब्सिडी
उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट उपचार के लिए ईटीपी लगाने के लिए २५ लाख रुपए क सहायता एवं उौद्योगिक इकाईयों के समूह द्वारा सार्वजनिक अपशिष्ट उपचार संयत्र सीईटीपी लगाने के लिए ५० प्रतिशत अधिकतम १०० लाख रुपए का प्रावधान शामिल किया गया है।
विशेष पैकेज
नई उद्योग नीति में पावरलूम उद्योग को बढ़ावा देने के लिए विशेष पैकेज दिया जाएगा। जिले में प्लेन, सेमी ऑटोमेटिक शटल, आधुनिक शटल लेस पावरलूम के लिए २५ प्रतिशत जो अधिकतम १० पावरलूम प्रति इकाई पर सरकार विशेष पैकेज में शामिल किया है।
बिजली सब्सिडी
२० एचपी तक क्षमता के पावरलूम को १.५० रुपए प्रति यूनिट की दर से २० एचपी से अधिक की क्षमता को १.२५ रुपए प्रति यूनिट रियारत दी जा रही है। पावरलूम के लिए निजी उद्योगगिक क्षेत्र एवं बहुमंजिला औद्योगिक परिसर तैयार करने पर शासन व्यय का ६० प्रतिशत की प्रतिपूर्ति का प्रावधान शामिल किया है।
अब इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर भी रियायत
नईनीति में पावरलूम के लिए निजी औद्योगिक क्षेत्र, बहुमंजिला औद्योगिक परिसर के विकासकर्ता को विकास में किए गए व्यय का ६० प्रतिशत अधिकतम ५०० लाख रुपए की प्रतिपूर्ति किए जाने का प्रावधान है।
उद्योगपतियों ने यह रखी मांग
सरकार ने उद्योग नीति को लागू करने के बाद पहली बार कलेक्टर कार्यालय में पावरलूम, टेक्सटाइल्स सहित उद्योग और बिजली विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। बुरहानपुर टेक्सटाइल्स टे्रडर्स अध्यक्ष कृष्ण कन्हैया मित्तल ने कहा जिले में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए शासन स्तर से अब तक कोई प्रयास नहीं किए। अब तक बड़ा टेक्सटाइल्स मार्केट तैयार नहीं किया गया है। जिले में बड़े उद्योग नगर की लंबे समय से मांग की जा रही है। टेक्सटाइल्स उद्योग का ट्रांसपोर्ट नगर नहीं है। पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की तुलना में बिजली के रेट प्रदेश में अधिक होने से मीले नुकसान में चल रही है। जिले में टेक्सटाईल्स पार्क की आवश्यक्ता है।जिससे बड़े उद्योग स्थापित करने में मदद मिलेगी। बैठक में बुरहानपुर टेक्सटाइल्स एसोसिएशन मुकेश देवड़ा, प्रमोद भंडारी, हुनैद अंसारी मौजूद थे।
डायवर्सन टैक्स कम करने की रखी मांग
मध्यप्रदेश लघु उद्योग संघ सचिव सैयद फरीद ने औद्योगिक भूमि के सालाना डायवर्शन टैक्स की राशि में बढ़ोतरी होने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि सरकार डायवर्शन टैक्स में व्यावसायिक टैक्स वसूला जा रहा है। औद्योगिक डायवर्शन टैक्स कम होता है, लेकिन नई गाइडलाइन में टैक्स को बढ़ाने से नए उद्योग स्थापित करने में परेशानियां हो रही है। प्रदेश में पावलूम उद्योग के साथ ही टेक्सटाइल्स उद्योग को भी सब्सिडी का लाभ दिया जाए। बिजली की दरों बढ़ोतरी के कारण उद्योग पर संकट मंडराने लगा है। जबकि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में उद्योग पर लगने वाली बिजली की दरें बहुत कम है। बुरहानपुर का उद्योगनगर १९६२ से चल रहा है। यहां पर सड़क, पानी और नालियों का निर्माण के लिए अब तक प्रयास नहीं किए जा रहे है।उद्योग नगर में सड़क और नालियों का निर्माण सहित स्टेट लाईट के लिए नए बजट की मांग रखी गई है।
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छोटे पावरलूम बुनकरों की अनदेखी
बैठक में बुरहानपुर पावरलूम बुनकर संघ अध्यक्ष रियाज अहमद अंसारी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अब तक छोटे बुनकरों को लाभ देने के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे है। बुनकर संघ बिजली दरों में दो रुपए सब्सिडी की मांग करने के बाद भी शासन से नहीं मिल रही है। सीएम कमलनाथ बुरहानपुर में १०० एकड़ भूमि पावरलूम उद्योग स्थापित करने के लिए निर्देश जारी करने के बाद शासन स्तर से पत्र भी आ गया है। लेकिन आज तक भूमि नहीं मिली है। पावरलूम बुनकरों को भी किसानों की तरह बिजली बिलों में सब्सिडी, बीमा का लाभ दिया जाए। बुनकरों को पावरलूम परमिट नहीं मिल रहा है। बुरहानपुर पावरलूम बुनकरों को तय मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। २४ रुपए ५० पैसे प्रति पिक तय होने के बाद भी २३ रुपए प्रति पिक ही मजदूरी दी जा रही है। पावरलूम सर्विस सेंटर पर होने वाला बीमा भी केंद्र सरकार द्वारा बंद कर दिया गया है।