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बुरहानपुर

चिंताहरण के संरक्षण को भूले, कुंडी भंडारे का भी जल स्तर घटा

– तत्कालीन संभागायुक्त ने दौरा कर ङ्क्षचताहरण के संरक्षण के लिए डेढ़ करोड़ किए थे स्वीकृत- २०१७ के बाद से मामला ठंडे में- कुंडी भंडारा और चिंताहरण का संरक्षण हो तो नहीं होगी पानी की कमी

बुरहानपुरFeb 22, 2020 / 11:44 am

ranjeet pardeshi

 Forget worrying protection, water level of latch bhandare also reduced

Forget worrying protection, water level of latch bhandare also reduced

बुरहानपुर. लालबाग में विलुप्त होती मुगल सम्राज्य में बनी चिंताहरण की भूमिगत जल प्रणाली और कुंडी भंडार के संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। कुंडी भंडारे का जल स्तर कम होता जा रहा हैं, तो चिंताहरण को शासन प्रशासन भूल गया। जबकि मई २०१७ में बुरहानपुर दौरे पर आए तत्कालीन इंदौर संभागायुक्त संजय दुबे ने इसका निरीक्षण कर इसके संरक्षण के लिए डेढ़ करोड़ रुपए स्वीकृत कर प्रोजेक्ट बनाने के लिए निर्देश दिए थे। लेकिन बाद में पूरा मामला ठंडे में पड़ गया।
शहर से लगी पातोंडा ग्राम पंचायत के पास ही कुंडी भंडारे की तरह चिंताहरण की भूमिगत जल प्रणाली बनी है। इसके संरक्षण की बात अफसर ने कही थी। इसके आसपास उद्यान विकसित कर पौधरोपण करना था। ताकि जीवित कुंडियोंं का संरक्षण हो सके। तत्कालीन आयुक्त ने माना भी था कि इसे जीवित कर इस दौर में जलसंकट को दूर किया जा सकता है। कमीश्नर ने चिंताहरण और इसके आसपास के गांव का नक्शा भी देखा था। सतपुड़ा पहाड़ी में बने चिंताहरण का पानी भूमिगत सुरंगों से 3 किलोमीटर दूर जाली कारंजा तक पहुंचता है। यहां से पहले पानी सप्लाई होता था। यहां पानी के प्रवाह के लिए 150 कुंडियों का निर्माण किया गया था, जो आज 50 कुंडियां जीवित है। 70 फीट गहरी इन कुंडियों में आज भी 20 फीट तक पानी भरा हुआ है।
यहां भी ४ फीट तक बचा पानी
कुंडी भंडारे का जलस्तर भी लगातार घट रहा है। सर्दी के मौसम में जहां हमेशा ३ फीट तक पानी रहता है, इस साल जल स्तर १ फीट तक आ गया। कुंडी भंडारे के संरक्षण के लिए भी तत्कालीन कलेक्टर दीपकसिंह ने आसपास पहाड़ी पर पौधरोपण अभियान की तैयारी की थी, लेकिन वह भी किसी कारण से धरी रह गई। इसके बाद फिर कभी इस पर ध्यान नहीं दिया गया। पहले कुंडी भंडारे के पानी से लालबाग क्षेत्र की पानी की टंकी भरती थी, जहां से जल सप्लाय होता था, अब वहां पानी सप्लाय होना बंद हो गया। टैंकरों से यह टंकी भर रहे हैं।
अब विलुप्त हो रहा कुंडी भंडारा
कुंडी भंडारे में पहले लिफ्ट चालू होने से दिनभर पर्यटकों की आवाजाही लगी रहती थी, लेकिन जब से लिफ्ट बंद हुई लोगों ने यहां से मुंह मोड़ लिया। अब यहां पर पर्यटकों की संख्या बहुत कम रह गई। हालांकि निगम ने यहां पर आधुनिक लिफ्ट बनाने का प्लान बनाया है। लेकिन अब तक यहां काम शुरू नहीं किया है।

– चिंताहरण और मीठा कारंजा कुंडी भंडारा से लालबाग और बहादरपुर तक मीठा पानी सप्लाय होता था। आज लालबाग के लोग मीठे पानी को तरस रहे हैं। इसका संरक्षण किया जाना चाहिए, ताकि राहत मिल सके।
– राकेश चौकसे, क्षेत्रवासी

– प्राचीन धरोहर हमारे पास है लेकिन इसकी अनदेखी की जा रही है। शासन ने इस ओर ध्यान देना चाहिए।
– आशीष शुक्ला, अध्यक्ष लालबाग संघर्ष समिति

 

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