– दारासिंग और रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद्र त्रिवेदी आए थे बुरहानपुर – सभी ने पड़े थे दारासिंग के पैर- यादों के झरोखे से
बुरहानपुर•Apr 06, 2020 / 04:28 pm•
ranjeet pardeshi
Hanuman remembered the day when he came home after seeing Ramayana
बुरहानपुर. कोरोना से जंग के बीच ९० के दशक की रामायण जब टीवी पर लौट आई तो शहर के किर परिवार को वो दिन भी याद आ गए जब उनके घर हनुमान और रावण घर आए थे, याने हनुमान का किरदार निभाने वाले दारासिंग और रावण बने अरविंद त्रिवेदी। एक घंटे तक साथ बीताए वो दिन बार-बार रामायण देखकर याद आ जाते हैं।
कांग्रेस मंडलम अध्यक्ष शैली कीर ने बताया कि रामायण सीरियल देख हमारे निवास पर आए दारासिंग और अरविंद त्रिवेदी की यादे ताजा हो गई। कीर ने कहा कि दारा सिंग और त्रिवेदी लालबाग में आयोजित कुश्ती दंगल में मुख्य अतिथि के रूप में आए थे। जब हमारे दादा जो उस समय गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष रहे स्वर्गीय अमरीकसिंग कीर से मिलने घर पर आए थे। तब सभी ने दारासिंग के पैर पड़े थे। यह बात १९९४ की है। दादा हमारे पंजाब के थे और दारासिंग भी पंजाब के थे, इसलिए दोनों एक दूसरे से परिचित थे। दारासिंग और अरविंद त्रिवेदी एक घंटे तक हमारे निवास पर रहे। रामायण देखते हुए उनकी याद आने पर उस समय के फोटो देख लिए। शैली कीर ने कहा कि उस समय वे १९-२० साल के थे। दारा सिंग हमारे दादा अमरीकसिंग, दादी बलवंत कौर और पिता मनमोहनसिंह कीर सहित पूरे परिवार से मिले थे। इनके साथ बुरहानपुर के तत्कालीन एसडीएम साथ थे।
यह बोले कीर
जब हमारे सामने रामायण का जिक्र हुआ है। तब हमेशा हम सबको 1987 की रामानंद सागर के पौराणिक शो राामायण की याद आई है। आज तक कोई दूसरा रामायण का शो रामानंद सागर की रामायण को टक्कर नहीं दे पाया। 25 जनवरी 1987 से 31 जुलाई 1988 तक प्रसारित हुआ रामायण लोगों के बीच का सबसे पॉपुलर शो बन गया था। लोगों ने इस शो के इतना प्यार दिया। उस समय मेरी साधारण दारासिंग से बातचीत हुई थी कैसा लगा हनुमानजी का किरदार निभाकर। उन्होंने कहा था मैं सौभाग्यशाली हूं जो ऐसे इश्वर का किरदार मिला। दारा सिंह ने बॉलीवुड में काफी काम किया है। लेकिन अब वह हमारे बीच नहीं है।
रावण की एक्टिंग से सबके फेवरेट बने
कीर ने बताया कि रावण का रोल निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी से भी चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि रावण का रोल काफी दमदार होता है। इस रोल में एक दमदार आवाज और एक एटीट्यूड की जरूरत थी। अपनी एक्टिंग के दम पर सबके फेवरेट बन गए थे।
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