खजूर विक्रेताओं के अनुसार इस बार खजूर की मांग कम नहीं है। खजूर के थोक विक्रेता सादिक बागवान ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते विदेश से आने वाली खजूर नहीं पहुंची है। खजूर की कीमतों में भी 30 फीसदी इजाफा हुआ है। सामान्य खजूर 60 से 70 रुपए किलो तक बिकती थी आज वह 90 से 100 रुपए तक बिक रही है। बाजार में कई क्वालिटी का खजूर उपलब्ध है, लेकिन खजूर की डिमांड नहीं होने से इस बार काफी नुकसान हो रहा है। रमजान के महीने की शुरूआत होने से पहले ही हर साल ईरान, इराक, सउदी अरब, फिलीस्तीन और अल्जेरिया सहित अन्य विदेशों से खजूर का आयात किया जाता था। यह खजूर मुंबई, दिल्ली से होकर शहर में सप्लाय होती थी। लेकिन इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन और कर्फ्यू के चलते बाहर से खजूर नहीं पहुंची है।
रमजान में खजूर का अधिक महत्व
रमजान माह में खजूर का विशेष महत्व होता है। इसलिए मार्केट में खजूर की खासी आवक रहती है। लगभग 50 तरह के खजूर बाजार में उपलब्ध है। शहर साल कीमीया खजूर की डिमांड सबसे अधिक रहती है, जिसकी कीमत अब 300 रुपए किलो से अधिक है। सबकी सामान्य खजूर 90 रुपए तक मिल रही है। मुस्लिम समाजजन रमजान में सहरी और इफ्तार के समय खजूर का उपयोग करते हैं। खजूर खाना बेहद फायदेमंद माना जाता है।
हर साल 12 टन खजूर की होती थी खपत
खजूर व्यापारी सादिक बागवान ने बताया कि रमजान माह में शहर के अंदर हर साल 10 से 12 टन खजूर की खपत होती थी। इस बार भी खजूर व्यापारियों को कोरोना संकट के चलते लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बाजार में सभी दुकानें बंद होने के कारण खजूर की डिमांड नहीं है। लोग भी होम डिलेवरी के माध्यम से कम ही खजूर मांग रहे हैं। जबकि किराना सहित ठेलों पर हर साल कई क्विंटल खजूर की खपत होती थी। विदेश से खजूर नहीं आने से रेट में 30 फीसदी तक बढ़ गए।