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जयपुर

राहत प्रस्ताव नकारा, आंदोलन को तैयार

उदयपुर-गोमती फोरलेन पर शुल्क में राहत की मांग को लेकर नेगडिय़ा टोल नाके पर शुक्रवार को सैकड़ों की तादाद में जुटे लोगों की ओर से संयुक्त समिति और सद्भाव कंस्ट्रक्शन के बीच पांच घण्टे चली वार्तामें कोई नतीजा नहीं निकल सका।

जयपुरDec 12, 2015 / 07:31 am

firoz shaifi

उदयपुर-गोमती फोरलेन पर शुल्क में राहत की मांग को लेकर नेगडिय़ा टोल नाके पर शुक्रवार को सैकड़ों की तादाद में जुटे लोगों की ओर से संयुक्त समिति और सद्भाव कंस्ट्रक्शन के बीच पांच घण्टे चली वार्तामें कोई नतीजा नहीं निकल सका।

कम्पनी के अधिकारियों की ओर से रखे 10 किमी परिधि में पास के आधार पर छूट का प्रस्ताव ग्रामीणों को मंजूर नहीं हुआ। दिनभर विभिन्न दौर में जद्दोजहद चलती रही।

लोग 20 किमी दायरे और राजसमंद जिलेभर के वाहनों को शुल्क से मुक्त रखने पर अड़े रहे। शाम को बैठक विफल होने के बाद ग्रामीणों ने आंदोलन का रास्ता अपनाने पर भी विचार किया।

 बैठक में कोई बड़ा जनप्रतिनिधि मौजूद नहीं था। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे। राजसमंद से भी कई ट्रक संचालक और ट्रांसपोर्टएसोसिएशन के लोग भी शामिल हुए।

सुबह पूर्वप्रस्तावित कार्यक्रम के मुताबिक कमेटी के सदस्य जनप्रतिनिधियों और सद्भाव अधिकारियों की संयुक्त कमेटी में तीन दिनों में आसपास के जिलों में किए सर्वे की रिपोर्ट पेश की गई।

 इसके आधार पर देलवाड़ा के 20 किमी दायरे में आ रहे इलाके के वाहनधारियों को टोल मुक्त करने की मांग रखी गई। कम्पनी प्रतिनिधियों ने नियम का हवाला देते हुए किसी भी प्रकार की छूट देने में असमर्थता जाहिर कर दी।

महाकाली सेना करेगी आंदोलन

बैठक में आए महाकाली सेना अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह झाला ने कहा कि पूरे राजसमन्द जिले को टोल मुक्त किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जल्द ही इस बारे में कोईनिर्णय नहीं लेने पर महाकाली सेना आंदोलन करेगी। झाला ने बताया कि संगठन की 3 जनवरी को मुछाला महादेव मंदिर में इस सम्बंध में बैठक होगी।
जब छूट नहीं देनी, तो सर्वे क्यों करवाया?

जनप्रतिनिधियों ने गोगुन्दा, मंगलवाड़ व रिठोला टोल के समीप के गावों में कराए सर्वे के आधार पर यहां भी राहत दिलाने की मांग की, जिसे कम्पनी प्रतिनिधियों ने एनएचएआई की गाइडलाइन के अनुसार छूट दे पाने का हवाला दिया।

 साथ ही सर्वे रिर्पोट की वीडियोग्राफी देखकर आगे से निर्देश मांगने पर कार्रवाईकी जानकारी दी। इस दौरान कईलोगों ने यह भी कहा कि जब छूट नहीं देने की बात की जा रही है, तो फिर सर्वे ही क्यों करवाया गया?

आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे
कम्पनी ने 16 दिसम्बर तक का वक्तमांगा है। लोगों ने छूट नहीं देने तक आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया।

इससे पूर्व सदस्यो ने क्षेत्रवासियों ने सर्वे के दौरान लिए ग्रामीणों के बयान सुनाए। मौजूद लोगों ने ऐसी ही नि:शुल्क व्यवस्था नेगडिय़ा टोल पर भी लागू कराने, स्थानीय लोगों को रोजगार व क्षेत्र में कामकाजी व नौकरी पर आ रहे उदयपुर जिले के वाहनधारियों को टोल मुक्त करने जैसे बिन्दुओं पर निणार्यक चर्चा की मांग उठाई।

अन्दर चर्चा, बाहर मजमा

टोल फ्री के मुद्दे पर स्थानीय जनप्रतिनिधि व मोतबीर अमरसिंह राठौड़, दिनेश पालीवाल, रूपसिंह झाला, विजय सिंह राठौड़, संग्रामसिंह राठौड़, नरपतसिंह झाला, संजयसिंह बारहठ के नेतृत्व में सद्भाव कम्पनी व संयुक्त कमेटी के प्रतिनिधि संजय पटेल, अरविन्द सिंह, राजकुमार यादव, सत्येन्द्र ंिसंह के साथ टोल कार्यालय के बन्द कमरे में चर्चा हुई।

 इस दौरान टोल प्लाजा के बाहर बड़ी संख्या में फैसले को लेकर उत्सुक लोगों का मजमा लगा रहा।

ट्रक एसोसिएशन ने भी की चर्चा
केलवा. केलवा चौपाटी स्थित मार्बल ट्रक एसोसिएशन कार्यलय में सुबह 10 बजे नई कार्यकारणी का गठन हुआ। अध्यक्ष निर्भय सिंह को बनाया।

उपाध्यक्ष जगदीश पालीवाल धर्मेटा, ओम पालीवाल, राजूराम तेली, लच्छीराम तेली, भोजराज सिंह, इकबाल भाई, महामंत्री पर्वतसिंह चौहान, संरक्षक भगु उस्ताद, मानसिंह, कैलाश जोश्ी, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीलाल पालीवाल को बनाया गया। इस मौके पर नानालाल सिधंल,जगन्ननाथ तेली, रामलाल तेली आदि उपस्थित थे। उन्होंने टोल के मुद्दे पर भी चर्चा की।

धक्का-मुक्की से बिगड़ा माहौल
बैठक समाप्ति के बाद एक युवक व टोलकर्मियों के बीच हुई बहस के बाद धक्का-मुक्की से माहौल में तनाव की स्थिति पैदा हो गई।

 हालांकि तब तक काफी भीड़ छंट चुकी थी, लेकिन मामला बिगड़ते देख पुलिस उपाधीक्षक कानंिसंह भाटी व थानाधिकारी देलवाड़ा ने समझाइश की।दिनभर टोल स्थल पर नाथद्वारा तहसीलदार सोहनलाल शर्मा, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक, पटवारी व पुलिस जाप्ता तैनात रहा।

अखरी नेतृत्व कमी
लोगों को एक दमदार जनप्रतिनिधि की कमी का अहसास हो रहा है, वहीं जनप्रतिनिधियों द्वारा मुखर होकर पैरवी नहीं करने व प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के कथित असहयोगात्मक रवैये से भी वे आहत हैं। उन्होंने दबी जुबान में मिलीभगत का आरोप लगाया।

 हमने कम्पनी को साफ शब्दों में कह दिया कि दूसरे टोल पर दी जा रही छूट की व्यवस्था यहां भी लागू की जा, मगर उनका रवैया कतई सहयोगात्मक नहीं है।
दिनेश पालीवाल, सरपंच, देलवाड़ा
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