scriptFamous chariot yatra – 250 वर्ष प्राचीन परंपरा फिर जीवंत, दर्शन देने निकले बालाजी | Rath yatra - 250 years old tradition revived, Balaji came out to see | Patrika News
बुरहानपुर

Famous chariot yatra – 250 वर्ष प्राचीन परंपरा फिर जीवंत, दर्शन देने निकले बालाजी

मुख्यमंत्री तक पहुंचा बालाजी रथ का मामला, माना प्रशासनदेर शाम तक बालाजी रथ भ्रमण की सहमति पर माने 9 से 12 बजे के बीच रहेगा भ्रमण बदला-बदला सा नजर आया नवरात्रि उत्सव

बुरहानपुरOct 18, 2020 / 05:32 pm

tarunendra chauhan

balaji rath yatra

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बुरहानपुर. प्रदेश में प्रसिद्ध बुरहानपुर के बालाजी महाराज के रथ भ्रमण कार्यक्रम पर आखिरकार प्रशासन ने सहमति दे दी। नवरात्र के पहले दिन रात्रि 9 बजे बालाजी महाराज अपनी प्रजा को दर्शन देने के लिए निकले तो 250 साल प्राचीन परंपरा फिर जीवित हो उठी। रात 9 से 12 बजे तक ही समय निर्धारित किया गया। इस बीच शनिवार को बालाजी शहर विभिन्न क्षेत्रों में दर्शन देने निकले। लोग घरों से निकलकर बालाजी महाराज के दर्शन किए।

नवदुर्गा उत्सव के बीच हर साल बालाजी महाराज का रथ नगर में निकलने की परंपरा 250 साल प्राचीन है। भक्त रथ को भ्रमण कराते हैं, लेकिन इस बार कोविड-19 महामारी के चलते रथ निकालने की अनुमति नहीं मिल रही थी। बजरंग दल, विहिप ने इस ओर प्रयास किया। भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे तक बात पहुंचाने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को स्थिति से अवगत कराया। सीएम ने भी माना कि नगर की यह परंपरा है तो फिर इसे चालू रहना चाहिए। इसके बाद जिलाध्यक्ष ने कलेक्टर प्रवीण सिंह से चर्चा की। कलेक्टर ने शर्तों के आधार पर बालाजी का रथ निकालने की अनुमति दे दी।

इन शर्तों पर दी अनुमति
भाजपा जिलाध्यक्ष मनोज लधवे ने कहा कि नगर भ्रमण के दौरान सावधानी रखना जरूरी है। रात 9 बजे बालाजी महाराज का रथ निकलेगा। 12 बजे वापस होगी। किसी प्रकार की भीड़ न उमड़े, यह ध्यान रखना जरूरी है। दो वालेंटियर सेनेटाइजर का प्रयोग करेंगे। बालाजी महाराज के आगे चल रहे अखाड़े नहीं होंगे।

यह रहेगा रूट
17 अक्टूबर को महाजनापेठ बड़े बालाजी मंदिर प्रांगण से रथ पांडूमल चौराहा, गांधी चौक, फव्वारा चौक, बाई साहब की हवेली से होते हुए मंदिर पहुंचे। इसी तरह 18 को भी वहीं रूट रहेगा। 19 को मंदिर से कड़वीसा नाला, प्रतापपुरा, सिलमपुरा से पांडूमल चौराहा, बाई साहब की हवेली से मंदिर वापसी। 20 को कड़वीसा नाला से ही शास्त्री की गली से जडिय़ावाड़ा, दलियावाड़ा, गोटी मोहल्ला, डाकवाड़ी से राजपूरा, पांडूमल चौराहा से वापसी। 21 को महाजनापेठ से कमल तिराहा, पोस्ट ऑफिस, गांधी चौक, फव्वारा चोक से वापस मंदिर। 22 को पांडूमल चौराहा से कोतवाली, से दुर्गा मंदिर से वापस फव्वारा चौक हाते हुए मंदिर वापसी, 23 को इतवारा सिंधीपुरा, गोकुलचंद्रमा मंदिर से मंदिर वापसी। 24 को भाऊलाल मिस्त्री के आंगन लालमंडी से पांडूमल चौराहा से वापसी मंदिर, 25 को दशहरे पर गांधी चौक, फव्वारा चौक से शमी पूजन करते हुए वापसी मंदिर। 30 को मंदिर प्रांगण में महाराज विराजेंगे।

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