मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि लोकप्रिय जननेता नंदू भैया, हम सबको छोड़कर चले गए, हमारे सब प्रयास विफल हुए। नंदू भैया के रूप में ञ्चबीजेपी इंडिया ने एक आदर्श कार्यकर्ता, कुशल संगठक, समर्पित जननेता को खो दिया, मैं व्यथित हूं। नंदू भैया का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत छति है।
प्रदेश अध्यक्ष के रूप में नंदू भैया ने अपना सर्वोत्कृष्ट योगदान दिया। नंदू भैया का पार्थिव देह आज उनके गृह ग्राम पहहुंचेगी। मैं उनके चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
राजीनतिक जीवन . अपने लंबे राजनैतिक जीवन मे वह अनेक पदों पर रहे। सन् 1978-80 व 1983-87 तक शाहपुर से नगर पालिका के अध्यक्ष रहे थे। सन् 1985.96 तक लगातार 2 बार भाजपा से विजयी हो कर मध्यप्रदेश विधानसभा के बुरहानपुर क्षेत्र से विधायक रहे थे। सन् 1996 को 11वें लोकसभा चुनाव मे वें विजयी हुए थें लेकिन उनका कार्यकाल 1996.97 तक ही रहा क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने अपना त्यागपत्र दे कर सरकार निरस्त कर दी थी।
सन् 1998 में उपचुनाव में 12वीं लोकसभा चुनाव में वह दूसरी बार खंडवा क्षेत्र से विजयी हुए थे। यह कार्यकाल भी 1998.99 तक ही रहा जिसका मुख्य कारण वाजपेयी सरकार के समर्थक पार्टी का समर्थन वापस लेना था।
सन् 1999 में 13वीं लोकसभा उपचुनाव में वें तीसरी बार विजयी हुए। जिसने इनका कार्यकाल 1999.2004 तक 5वर्ष पूर्ण चला। सन् 2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव मे वह चौथी बार फिर से खंडवा क्षेत्र से सांसद का चुनाव जीत कर विजयी हुए परंतु वह विपक्ष मे बैठे, क्योकिं केन्द्र मे मनमोहन सिंह की कांग्रेस सरकार बन चुकी थी।
सन् 2009 के 15वी लोकसभा चुनाव मे उन्हें फिर से खंडवा क्षेत्र से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया परंतु इस बार वें कांग्रेस प्रत्याशी अरूण यादव से चुनाव हार गए थे परंतु उन्हें पार्टी ने मध्यप्रदेश राज्य का भाजपा पार्टी का प्रदेशअध्यक्ष बनाया।
16वीं लोकसभा चुनाव में वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व हुए चुनाव मे विजयी हुए। उन्हें पुन: मध्यप्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया था व सन् 2018 मे उन्होंने अपना त्यागपत्र भाजपा प्रदेशअध्यक्ष पद से दे दिया ताकि वह अपने संसदीय क्षेत्र मे विकासकार्य कर सकें।
कोरोना से संक्रमित होने के बाद भोपाल में चिरायु हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जहां उनकी रिपोर्ट भी नेगेटिव आ गयी थी और तबियत में सुधार भी हो रहा था किंतु सांस लेने में तकलीफ की वजह से डॉक्टरों की सलाह पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मेदांता अस्पताल में भर्ती करने की सलाह के साथ भेजा। किंतु फिर भी उनके स्वास्थ्य में ज्यादा सुधार नहीं हो पाया और मंगलवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। स्वर्गीय चौहान की पार्थिव देह आज दोपहर एयर एंबुलेंस से खंडवा हवाई पट्टी लाई जाएगी और वहां से बुरहानपुर ले जाई जाएगी।