पिछले साल से 50 रुपए दाम बढ़ाए
लकड़ी व्यापारी का कहना है कि पिछले साल से अंतिम संस्कार में लगने वाली लकड़ी के दाम बढ़े हैं। पहले 600 से 650 तक प्रति क्विंटल दाम थे, अब 700 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। व्यापारी का कहना है कि गोल लकड़ी खरीदना पड़ती है, इसकी प्रति क्विंटल फुड़ाई में 50 रुपए मजदूर लेता है। लकड़ी खरीदने पर गीली रहती है, इसके सूखने के बाद 20 किलो वजन कम हो जाता है। इसलिए यह सरकारी दर पर 550 से 600 रुपए प्रति क्विंटल मिलती है और 700 रुपए तक बिकती है।
6 क्विंटल थी खपत, अब 12 क्विंटल लग रही
लकड़ी व्यापारी जगदीश कपूर का कहना है कि पिछले एक सप्ताह से अचानक लकडिय़ों की खपत बढ़ गई है। पहले जहां सप्ताहभर में 6 क्विंटल लकड़ी की खपत थी, वह अब 12 क्विंटल तक पहुंच गई है। एक शव दहन में 2.5 क्विंटल लकड़ी लगती है, लेकिन कुछ लोग 4 क्विंटल तक भी खरीदते हैं। पहले जहां शमशान घाट पर 1 या पूरा दिन खाली रहता था, अब हर दिन एव दो शव पहुंच रहे हैं।
गरीकों को नि:शुल्क देते हैं लकड़ी
किसी गरीब व्यक्ति के परिजन की मृत्यु होने पर उसके अपने परिजन के शव दहन के लिए लकड़ी न होने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता व लकड़ी व्यापारी जगदीश कपूर नि:शुल्क लकड़ी देते हैं। अब तक कई लोगों के लिए यह सेवा कर चुके हैं।
यह बोले सीएमएचओ
सीएमएचओ डॉक्टर एमपी गर्ग का कहना है कि क्लीनिकली दिखने पर वह कोविड लग रहा है। लेकिन आरटीपीसीआर निगेटिव आई तो पोर्टल उसे पॉजिटिव में नहीं गिनता। वह संदिग्ध में आ जाता है। उसे संदिग्ध मानकर इलाज किया जाता है। मृत्यु होने पर कोविड के प्रोटोकॉल में उसका अंतिम संस्कार हुआ होगा, इसलिए रजिस्टर्ड में कोविड एंट्री होगी। अन्य शहर के कोविड मरीज की यहां मृत्यु होती हैं, तो उसे यहां दर्ज नहीं करते हैं।
– डॉक्टर एमपी गर्ग, सीएमएचओ