– रेलवे, एनजीओ और ग्रामीणों ने की मदद- पानी, भोजन की कराई गई व्यवस्था- संक्रमण फैलने की भी रही दहशत
बुरहानपुर•May 22, 2020 / 10:11 pm•
ranjeet pardeshi
When the villagers came to an end, they presented the example of humanity, fed the workers by making khichdi
बुरहानपुर. लॉकडाउन में प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रेलवे की ओर से चलाई जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के पहिए शुक्रवार दोपहर पटरी पर थम गए। भोपाल डिविजन की ओर से गाडिय़ों को लेने से इंकार करने के बाद भुसावल से लेकर खंडवा रेलवे स्टेशन तक सभी स्टेशनों पर गाडिय़ों को रोका गया। इसमें कई टे्रने तो वाघोड़ा, बुरहानपुर, असीर रेलवे और चांदनी स्टेशन पर ट्रेनों का स्टॉपेज हुआ। इसमें हजारों मजदूर कई घंटों तक पानी और भोजन के लिए परेशान हो गए। ग्रामीणों को पूरा मामला समझ आया और घर-घर खिचड़ी बनाकर मजदूरों तक पहुंचाई।
भोपाल डिविजन से सिग्नल न होने से भुसावल से रवाना हुई श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को लेने से इंकार कर दिया। सुबह से ही भोपाल की तरफ से ट्रैक पर सिग्नल नहीं बंद हो गया। बुरहानपुर से खंडवा के बीच शुक्रवार को दिनभर में लगभग २० ट्रेनों का स्टापेज रहा। बुरहानपुर स्टेशन पर भी सुबह ८ बजे, ८.१५ बजे आईट्रेन १२ बजे आगे बढ़ी तो इसके बाद दोपहर ३ और ३.३० बजे आईट्रेन शाम तक खड़ी रही। मजदूरों ने खूब हंगामा किया। रेलवे ने खाने पीने की व्यवस्था की। समाजसेवी भी मदद के लिए पहुंचे यहां किसी ने केले तो किसी ने खिचड़ी खिलाई। मदद के लिए लालबाग रेलवे स्टेशन श्रमिक ने मजदूरों को पानी और भोजन के लिए परेशान देखकर रेलवे अधिकारियों ने बिस्टिक और नाश्ते के पैकेट वितरण किए। गर्मी के कारण मजदूर पानी के लिए अधिक परेशान हुए। कई मजदूर ट्रेनों से बाहर निकल कर स्टेशन पर बैठे नजर आए। सिग्नल नहीं मिलने से घंटों तक रेलवे स्टेशन पर इंतजार करना पड़ा।
निंबोला ने पेश की मानवता की मिसाल
निंबोला. असीरगढ़ रेल्वे स्टेशन पर सुबह से लेकर शाम तक श्रमिक ट्रेनों का स्टॉपेज हुआ। सिग्नल नहीं होने से गाडिय़ा असीर रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही। मुंबई से बिहार की ओर जा रहे प्रवासी मजदूरों ने भूख और प्यास के कारण हंगामा शुरू कर दिया। कईमजदूर तो गांव में पहुंच गए, जब यह सूचना गांव में लगी तो सभी ने मानवता की मिसाल पेश की। ग्रामीण सहित निंबोला पुलिस ने भोजन और पानी की व्यवस्था की। सभी गांव के लोगों अपने स्तर पर भोजन लेकर पहुंचे। निंबोला थाना प्रभारी रुबीना मिजवानी ने भी मजदूरों को बिस्किट का वितरण किया। असीरगढ़ रेलवे स्टेशन पर 2 से 3 घंटे तक दो गाडिय़ां रोकी गई। निंबोला ग्रामवासियों एवं पंचायत की मदद से सभी को भोजन एवं पानी की व्यवस्था की गई। निंबोला, झिरी, झांझर के ग्रामीणों के स्वयंसेवकों द्वारा ट्रेनों में लगभग 6 000 हजार से अधिक मजदूरों के लिए पानी और भोजन के पैकट वितरण किए। निंबोला सरपंच पप्पू पाटिल ने बताया कि मजदूर यात्रियों के लिए पंचायत एवं ग्रामीणों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव करते हुए पीपीई किट पहनकर केले और खिचड़ी का वितरण किया गया। मजदूरों के लिए पानी का टैंकर खड़ा कर दिया
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