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हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले चेक करें ये 5 जरुरी चीजें

आदिल शेट्टी, सीईओ, बैंक बाजार.कॉम

नई दिल्लीMay 30, 2018 / 04:02 pm

manish ranjan

Aadil Shetty

हेल्थ इंश्योरेंस लेने से पहले चेक करें ये 5 जरुरी चीजें

आजकल स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं के खर्च में तेजी से और बहुत अधिक वृद्धि होने के कारण एक अच्छी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना बहुत जरूरी हो गया है। चूंकि स्वास्थ्य सम्बन्धी आपातकालीन परिस्थितियां बिन बताए कभी भी आ सकती हैं इसलिए एक कम्प्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत जरूरी हो गया है जो बढ़ते मेडिकल खर्च से आपकी रक्षा करता है और आपके ऊपर आर्थिक बोझ पड़ने नहीं देता है। एक कम्प्रिहेंसिव हेल्थ प्लान खरीदने का फैसला करते समय आपको नीचे बताई गई महत्वपूर्ण सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए।
रिस्टोरेशन लाभ

आपकी हेल्थ पॉलिसी एक निर्धारित राशि तक आपको कवरेज देती है। लेकिन जिस पॉलिसी में कवरेज रिस्टोरेशन लाभ की सुविधा मौजूद होती है उस पॉलिसी के मामले में, अस्पताल में भर्ती होने के दौरान उस कवरेज का पूरा इस्तेमाल हो जाने बाद, कवरेज रिस्टोरेशन वाली वह पॉलिसी उसी साल में फिर से अस्पताल में भर्ती होने पर आपके लाभ को रिस्टोर कर सकती है। यह रिस्टोरेशन सुविधा, आपकी पॉलिसी में पहले से मौजूद हो सकती है या इसे अतिरिक्त प्रीमियम देकर प्राप्त किया जा सकता है।
अस्पताल में भर्ती होने से पहले और बाद के खर्च

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी सिर्फ आपके अस्पताल का खर्च ही नहीं उठाती है। यह अस्पताल में भर्ती होने से पहले और वहां से छूटने के बाद होने वाले खर्च भी उठा सकती है। उदाहरण के लिए, डायग्नोसिस से पहले किए गए लैब टेस्ट से जुड़े खर्च को भी आपके क्लेम में शामिल किया जा सकता है। इस प्री- और पोस्ट- हॉस्पिटलाइजेशन की समय अवधि आम तौर पर एक से छः महीने तक हो सकती है। यह समय अवधि जितनी अधिक होगी आपकी उतनी अधिक बचत होगी।
अपवर्जन

अपवर्जन, आपके पॉलिसी दस्तावेज के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है और आपको इन्हें बड़े ध्यान से पढ़ना चाहिए ताकि बाद में कोई अफ़सोस या हैरानी न हो। एक पॉलिसी में, पूर्व-निर्धारित परिस्थितियों में किए जाने वाले क्लेम शामिल नहीं हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, एक आम हेल्थ पॉलिसी, पॉलिसी शुरू होने की तारीख से 30 दिन तक कोई क्लेम सेटल नहीं करेगी। एक पॉलिसी में, पहले दो साल तक पूर्व-निर्धारित बीमारियाँ, या चार साल तक पहले से मौजूद समस्याएँ शामिल नहीं हो सकती हैं। एक अन्य पॉलिसी में, किसी युद्ध कार्य के कारण होने वाला हॉस्पिटलाइजेशन शामिल नहीं हो सकता है। प्रत्येक पॉलिसी के अपवर्जनों की सूची एक दूसरे से थोड़ी-बहुत अलग हो सकती है।
रूम रेंट लिमिट

अपनी पॉलिसी के रूम रेंट अलाउंस की जांच करें। उदाहरण के लिए, एक पॉलिसी आपको 3000 रु. का रेंट लिमिट दे सकती है जो आपको अपने क्षेत्र में स्थित किसी अस्पताल में एक सिंगल प्राइवेट रूम में आराम से इलाज करवाने की अनुमति देता है। यह लिमिट जितना अधिक होगा, आपके लिए उतना बेहतर होगा।
वैकल्पिक दवा, इत्यादि

आजकल कुछ हेल्थ इंश्योरेंस प्लान गैर-एलोपैथिक और वैकल्पिक इलाज को भी कवरेज देते हैं। इसलिए इस बात की जांच कर लें कि आपकी पॉलिसी भी आयुर्वेद, योग और नैचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध और होमियोपैथी (आयुष) इलाज को कवरेज देती है या नहीं। यहाँ इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि इस तरह के सभी वैकल्पिक इलाजों को सिर्फ तभी कवर किया जाता है जब वह इलाज, सरकार द्वारा मान्यताप्राप्त या क्वालिटी काउंसिल ऑफ़ इंडिया या नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड ऑन हेल्थ द्वारा मान्यताप्राप्त संस्थानों में किया जाता है। कुछ हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां OPD और डे केयर में किए जाने वाले इलाज को भी कवर करती हैं। आप इस बात की भी जांच कर सकते हैं कि आपका हेल्थ इंश्योरेंस, आपके अंग दानकर्ता के खर्च को भी कवर करता है या नहीं।
कोई भी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले, ऑनलाइन उपलब्ध पॉलिसियों की तुलना करें। पॉलिसी दस्तावेज मिलने के बाद उसे अच्छी तरह पढ़कर यह देख लेना चाहिए कि आपको वही मिला है जिसकी आपको जरूरत थी। संतुष्ट न होने पर, आप फ्री लुक पीरियड का इस्तेमाल करते हुए पॉलिसी रिटर्न करके अपने पैसे वापस ले सकते हैं।
(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO हैं)

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