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इनरवियर बेचकर खड़ी की करीब 29 हजार करोड़ रुपए की कंपनी

पेज इंडस्ट्रीज को भारत में स्थापित करने की बड़ी दिलचस्प कहानी हैै। फिलिपींस के मनीला जन्में सुंदर जेनोमल साल 1994 में भारत में आए थे।

Jun 14, 2018 / 02:00 pm

Saurabh Sharma

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इनरवियर बेचकर खड़ी की करीब 29 हजार करोड़ रुपए की कंपनी

नर्इ दिल्ली। देश में एेसे कर्इ काराेबारी हैं जो जिन्होंने छोटे स्तर से कारोबार शुरू किया आैर अपनी मेहनत आैर लगन से उसे नया मुकाम दे दिया। लेकिन आज आपको एक कारोबारी के बारे में बताने जा रहे हैं जो दूसरे देश में रहकर कारोबार करता था। भारत घूमने अाया आैर यही रहकर इनरवियर का कारोबार शुरू कर अपनी कंपनी को हजारों करोड़ रुपए का बना दिया। आज की हालत ये है कि जिसने उस कंपनी के 11 साल पहले 10 हजार रुपए निवेश किए थे, आज वो निवेशक करो़ड़पति बन गए हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर कौन है वो इंसान?

जाॅकी को दिलार्इ भारत में पहचान
जॉकी इनरवियर ब्रांड का नाम नर्इ पहचान दिलाने में अहम भूमिका निभार्इ सुंदर जेनोमल ने। देश में अमेरिकी इनरवियर ब्रांड जॉकी की मैन्युफैक्चरिंग, मार्केटिंग औऱ डिस्ट्रीब्यूशन करने वाली कंपनी पेज इंडस्ट्रीज है। जिसके मालिक सुंदर जेनोमल हैं। जिस तरह कंपनी ने जॉकी ब्रांड को देश में लोकप्रिय बनाया है। उसी तरह कंपनी ने अपने निवेशकों को भी बंपर कमाई कराई है। 11 साल पहले कंपनी में लगाए निवेशकों के महज 1 लाख रुपए अब 92 लाख रुपए हो गए हैं। इनरवियर बेचकर कंपनी ने भारत में अपनी धाक जमाई है।

करीब 24 साल पहले हुर्इ थी कंपनी की शुरुआत
पेज इंडस्ट्रीज को भारत में स्थापित करने की बड़ी दिलचस्प कहानी हैै। फिलिपींस के मनीला जन्में सुंदर जेनोमल साल 1994 में भारत में आए थे। उनकी बहन बेंगलुरू में शिफ्ट हुई थी। जिनके साथ वो कुछ रहने के लिए यहां आए थे। साथ ही वो भारत में इसके अलावा वो भारत में बिजनेस के मौके की तलाश में भी थे। इंडियत मार्केट देखने के बाद उन्होंने यहां पर जॉकी इनरवियर का डिस्ट्रीब्यूशन शुरू किया। इससे पहले वो फिलिपींस में जॉकी के साथ मिलकर बिजनेस कर रहे थे। जॉकी को भी भारत में बिजनेस पार्टनर की तलाश थी। इसलिए सुंदर ने जॉकी के साथ मिलकर भारत में बिजनेस करने की शुरुआत की। मात्र चार सालों में ही पेज इंडस्ट्री मुनाफे की कंपनी बन गर्इ।

11 साल पहले आर्इपीआे में हुर्इ थी एंट्री
पेज इंडस्ट्री ने फरवरी 2007 में स्टाॅक मार्केट में एंट्री थी। जिसके आर्इपीआे का पहला इश्यू प्राइस 360 से 395 रुपए था। 16 मार्च 2007 को पेज इंडस्ट्रीज का शेयर बीएसई पर 341.90 रुपए और एनएसई पर 329 रुपए पर लिस्ट हुआ था। कारोबार के अंत में शेयर गिरकर 282.10 रुपए पर बंद हुआ था। लेकिन बाद में कंपनी ने अपने निवेशकों को जबरदस्त कमार्इ करार्इ। 16 मार्च 2007 को बीएसई पर कंपनी के शेयर का भाव 282.10 रुपया था। जो 14 जून 2018 को बढ़कर 25795.05 रुपए के भाव पर पहुंच गया। 11 सालों में स्टॉक में 9221.50 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। साफ है कि निवेशकों के शेयर में लगाए गए 1 लाख रुपए 11 साल में 92 लाख रुपए बन गए होंगे।

अगले 22 सालों तक के लिए बढ़ गया करार
पेज इंडस्ट्रीज ने जॉकी इंटरनेशनल के साथ करार अगले 22 सालों तक के लिए बढ़ गया है। जॉकी इंटरनेशनल के साथ लाइसेंस 31 दिसंबर 2040 तक बढ़ाया गया है। नए एग्रीमेंट में कोई नई शर्त नहीं जोड़ी गई है। रॉयल्टी कुल बिक्री की 5 फीसदी पर ही कायम रहेगी। साथ ही प्रोमोटर की हिस्सेदारी को लेकर कोई शर्त नहीं जोड़ी गई है। भारत समेत श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और यूएई देशों में कंपनी के पास जॉकी इनरवियर की मैन्युफैक्चरिंग, डिस्ट्रीब्यूशन और मार्केटिंग का लाइसेंस। कंपनी ने यूएई में जॉकी एक्सक्लूसिव ब्रांड के 4 औऱ श्रीलंका में 2 आउटलेट्स खोले हैं।

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