पीएम मोदी ने देशवासियों को 31 मार्च तक का समय दिया था, ताकि लोग अपने सभी पुराने नोट बैंकों में जमा कर दें। 31 मार्च के बाद से यदि कोई व्यक्ति उचित वजह नहीं बता रहा था तो उसे पुरानी करेंसी के साथ आरोपी मान कर कार्रवाई की जा रही थी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि नोटबंदी के करीब 17 महीने बाद भी भारत में बैन हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोट धड़ल्ले से चल रहे हैं।
लेकिन इससे भी ज़्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि बैन हो चुकी करेंसी भारत में नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल में चल रही है। इस खबर के मिलते ही भारत की जांच एजेंसियां इस बात को लेकर काफी चिंतित हो रही है कि आखिर ये सभी नोट कहां से लाए जा रहे हैं, और कहां भेजे जा रहे हैं। इसके साथ ही इन नोटों की किस मकसद से सप्लाई की जा रही है। ये कुछ सवाल हैं, जो देश की जांच एजेंसियों के साथ-साथ सरकार के लिए भी बड़ा सिरदर्द बन गए हैं।
गौरतलब है कि देश के वित्तमंत्री
अरुण जेटली ने अभी हाल ही में कहा था कि नेपाल में मौजूद 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जल्द ही वापस मंगवा लिए जाएंगे। बताते चलें कि आरबीआई ने इस बाबत एक कमेटी बनाई थी, जिसे इस बात पर रिपोर्ट तैयार करनी थी कि भारत में बंद हो चुके 500 और 1000 रुपये के नोट कितनी मात्रा में नेपाल में चलन में हैं। खबरों की मानें तो आरबीआई अभी तक ये रिपोर्ट तैयार करने में असफल रहा है, इस वजह से सरकार को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि नेपाल में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट कितनी मात्रा में चल रहे हैं।