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केजरीवाल के साथ कॉफी पीने से पहले बरतें यह सावधानियां

विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और आम आदमी
पार्टी इन दिनों चुनाव लड़ने के लिए चंदा जुटाने में लगी है।

Dec 27, 2014 / 04:11 pm

अमनप्रीत कौर

Arvind Kejriwal

Arvind Kejriwal

नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और आम आदमी पार्टी इन दिनों चुनाव लड़ने के लिए चंदा जुटाने में लगी है। पहले पार्टी सुप्रिमो अरविंद केजरीवाल के साथ 20000 रूपए में डिनर, फिर 500 रूपए में सैल्फी विद मफलरमैन और अब 20000 रूपए में कॉफी विद केजरीवाल। पार्टी का चंदा इस तरह बढ़ता जा रहा है, लेकिन अगर आप भी आम आदमी पार्टी को अपनी मेहनत की कमाई देकर फंड जुटाने में मदद कर रहे हैं तो यह सावधानियां जरूर बरतें।


दो तरह के डोनेशन


सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि किसी चैरेटेबल इंस्टीट्यूशन को दिया गया चंदा पॉलिटिकल पार्टी को दिए गए चंदे से अलग होता है। चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन आपके दिए हुए चंदे का इस्तेमाल सामाजिक कार्य के लिए करता है, जबकि पॉलिटिकल पार्टी को दिया गया चंदा पार्टी के लिए होता है और पार्टी इस पैसे को चुनाव लड़ने के लिए खर्च करती है।


यह है टैक्स प्रोवीजन


इनकम टैक्स एक्ट 1961 के मुताबिक किसी भी पॉलिटिकल पार्टी को दिए गए चंदे पर 100 फीसदी टैक्स रिबेट मिलती है, जबकि किसी चैरिटेबल इंस्टीट्यूशन को दिए गए चंदे पर केवल 50 फीसदी ही टैक्स छूट मिल पाती है।। यानी कि पॉलिटिकल पार्टी को दिए गए चंदे की पूरी पूरी रकम कुल टैक्सेबल इनकम में सेक्शन 80जीजीसी के तहत डिडक्ट कर दी जाती है।


ऎसे मिलता है टैक्स रिबेट


पॉलिटिकल पार्टी को दिए गए चंदे पर इनकम टैक्स की छूट लेने के लिए यह जरूरी है कि वह चंदा कैश या काइंड में न दिया गया हो। यानी कि अगर आप किसी पॉलिटिकल पार्टी को कैश में चंदा देते हैं या कोई तोहफा देते हैं तो इसकी छूट आपको इनकम टैक्स में नहीं मिलेगी। टैक्स में छूट लेने के लिए यह जरूरी है कि डोनेशन चैक, डिमांड ड्राफ्ट आदि से किया जाए और इसके बदले पॉलिटिकल पार्टी से रसीद ली जाए जिस पर पैन, टैन, पेमेंट की डिटेल्स आदि जानकारियां लिखी हों।


यह है एक्सेप्शन


डोनेशन की रकम व्यक्ति की कुल टैक्सेबल इनकम से ज्यादा न हो। यानी कि डोनेशन पर टैक्स में छूट केवल टैक्सेबल इनकम पॉजिटिव रहने की सीमा तक ही मिलेगी। टैक्सेबल इनकम इस चंदे की छूट के बाद नेगेटिव नहीं होनी चाहिए, इसलिए जरूरी है कि चंदा अपने सीए के साथ प्लानिंग के बाद ही दें, ताकि इस पर मिलने वाली टैक्स छूट का पूरा पूरा लाभ ले सकें।

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