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शॉर्ट टर्म में बड़ी पूंजी जुटाने का बेहतरीन विकल्प है डेट म्युचुअल फंड

छोटी अवधि में अच्छे रिटर्न से बड़ी पूंजी जुटाने के लिए बैंक डिपॉजिट्स की तुलना में डेट म्युचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं…

Aug 25, 2016 / 11:20 am

प्रीतीश गुप्ता

Debt Mutual Fund

Debt Mutual Fund

नई दिल्ली । भारत में बैंक डिपॉजिट को निवेश के मामले में सुरक्षा की दृष्टि से अब भी पहली पसंद माना जाता है, लेकिन रिटर्न के मामले में ये ज्यादा अच्छा नहीं हैं। ऐसे में डेट म्युचुअल फंड बेहतरीन विकल्प हो सकते हैं। टैक्स सेविंग और रिटर्न दोनों के लिए ये काफी अच्छे विकल्प हैं। कार खरीदनी हो, विदेशों में छुट्टियां मनाने की प्लानिंग हो या बच्चों के कॉलेज एडमिशन के लिए राशि जुटानी हो, सभी के लिए डेट म्युचुअल फंड एक बेहतरीन विकल्प है। 

बैंक डिपॉजिट से क्यों बेहतर?
शॉर्ट टर्म डेट म्युचुअल फंड निवेश बैंक डिपॉजिट की तुलना में ज्यादा फायदेमंद होता है। तीन साल से ज्यादा अवधि के लिए निवेश करने पर इसमें टैक्स से छूट मिलती है। साथ ही बेहतर रिटर्न की वजह से बड़ी पूंजी जुटाने के लिए भी यह बैंक डिपॉजिट्स की तुलना में काफी अच्छे होते हैं।

इनकम फंड्स से बेहतर क्यों?
दूसरी ओर इनकम फंड्स का मैच्योरिटी पीरियड करीब चार से पांच साल तक का होता है। ब्याज दरों में कटौती की स्थिति इन फंड्स का प्रदर्शन अच्छा रहेगा। लेकिन यदि आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में कमी नहीं करता है तो इनकम फंड्स से मिलने वाला रिटर्न ज्यादा अच्छा नहीं रहेगा। 

डेट फंड कितने सुरक्षित?
आमतौर पर लोग मानते हैं कि डेट फंड में वित्तीय नुकसान का कोई खतरा नहीं है। लेकिन ऐसा नहीं है। दरअसल, इनका रिटर्न ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होता है। जब दरें कम होती हैं तो आपके बॉन्ड्स की वैल्यू बढ़ जाती है, लेकिन जब दरें बढ़ती है तो स्थिति इसके उलट हो जाती है। हालांकि शॉर्ट टर्म डेट फंड्स में बॉन्ड छोटी अवधि के लिए होता है, इसलिए ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का बहुत ज्यादा असर नहीं होता है।

निकट भविष्य में मिलेगा फायदा
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ महीनों में डेट फंड बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उनके मुताबिक पिछले एक साल में शॉर्ट टर्म डेट फंड्स का एयूएम (एसेट्स अंडर मैनेजमेंट) बढ़ा है। ज्यादा नेटवर्थ वाले निवेशक इनका इस्तेमाल टैक्स बचाने के लिए कर रहे हैं। यदि आप कार के लिए लोन लेने की बजाय डाउन पेमेंट के रूप में पर्याप्त राशि जुटाना चाहते हैं तो शॉर्ट टर्म डेट फंड में एसआईपी लें और धीरे-धीरे इसमें राशि बढ़ाते जाएं। आप इसमें एकमुश्त बड़ी राशि भी जमा कर सकते हैं।

एक्जिट लोड बेहद कम
यदि आप न्यूनतम अवधि (छह से 12 महीने जिसे बढ़ाकर 12-18 महीने किया जा सकता है) से पहले ही निवेश राशि निकालते हैं तो 0.25-0.5 फीसदी ही चुकाना पड़ेगा। एसआईपी में हर महीने के निवेश को अपने आप में एक निवेश माना जाता है। मान लीजिए आप सितंबर 2016 से 12 महीने के लिए एसआईपी शुरू करते हैं और सितंबर 2017 में पूरा अमाउंट निकाल लेते हैं तो सिर्फ पहली छह एसआईपी ही टैक्स के बोझ से बचाएगी।

क्या चाहते हैं निवेशक
पूंजीगत सुरक्षा
आसान निवेश
निकालने में आसानी
टैक्स से छूट

शॉर्ट टर्म डेट फंड्स का रिटर्न (फीसदी में)
फंड एक साल तीन साल
इंडियाबुल्स शॉर्ट टर्म फंड 10.90
एचडीएफसी बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड 10.63
एचडीएफसी शॉर्ट टर्म फंड 10.54 10.85
यूटीआई बैंकिंग एंड पीएसयू डेट फंड 10.47
फ्रेंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड 9.93 10.39

इनकम फंड्स का रिटर्न (फीसदी में)
फंड एक साल तीन साल
कोटक मिडियम टर्म फंड 12.41
डीएचएफएल प्रेमेरिका एमटीआई फंड 12.38
बिड़ला सनलाइफ ट्रेजरी ऑप्टिमाइजर फंड 12.07 11.57
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैंकिंग एंड पीएसयू डेट 11.87 10.64
एचडीएफसी मिडियम टर्म अपॉर्चुनिटी फंड 10.28 10.48

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