मिली जानकारी के मुताबिक इस साल अप्रैल-जुलाई के दौरान मसाले के कुल निर्यात में 10 फीसदी की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
बताया तो यह तक जा रहा है कि भारतीय मसालों का मांग इस तरह से बढ़ रही है कि अप्रैल-जुलाई में 4.33 लाख टन मसाले का निर्यात किया गया जिसकी अनुमानित कीमत 7760 करोड़ रुपए बताई गई। जबकि पिछले साल इन्हीं मसालों से 7028 करोड़ रुपए की कमाई हुई थी। इस प्रकार यह बात सामने आई है कि पहले से ज्यादा इस साल मसाला के निर्यात से फायदा हुआ है।
बताया जा रहा है कि विदेशी लोग यह जान चुके है कि भारतीय मसाले में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के गुण काफी होते है इसलिए मसाले की मांग में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है।और इसी के चलते इस साल अप्रैल-जुलाई में अदरक, हल्दी, जीरा और धनिया की मांग अन्य मसालों का अपेक्षा ज्यादा रही है।
बता दे कि भारत ही पहला ऐसा देश है जो कई देशों में जैसे अमेरिका और यूरोप को मसाले का निर्यात करता रहा है, लेकिन अब कोरोना काल में बांग्लादेश, मोरक्को, इरान, मलेशिया और चीन जैसे देशों में भी भारतीय मसाले की मांग देखने को मिल रही है। भारत के गर्म मसाले के साथ अन्य मसाले का भी निर्यात तेजी से हो रहा है। जिसमें अदरक, हल्दी, धनिया, जीरा, तेजपत्ता, लहसून, मिर्च, लौंग, करी पाउडर जैसे मसालों का निर्यात तेजी से हो रहा है।